CID ऑफीसर बनना एक सम्मानजनक और रोमांचक करियर विकल्प है जहां अपराधियो की गहराई तक जाकर सच्चाई उजागर करना और न्याय दिलाना मुख्य जिम्मेदारी होती है अगर आप कानून व्यस्था बनाए रखने और देश की सुरक्षा में योगदान देना चाहते है तो यह आपके लिए एक बेहतरीन अवसर हो सकता है लकिन इस के लिए सही योग्यता , परीक्षा प्रक्रिया और शरीरिक फिटनेस मानदंडों को करना अवश्य है
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इस पोस्ट आपको बताएगे कि CID ऑफिसर कैसे बने और कोन कोन सी परीक्षा देनी होती है इसलिए इस पोस्ट को अंत तक अवश्य पढ़े
CID क्या होती है?
CID भारत की एक विशेष जाँच एजेंसी है जो गंभीर अपराधों की गहराई से जाँच करती है यह राज्य पुलिस की एक शाखा होती है CID ऑफिसर गुप्त रूप से काम करते है
और अक्सर सादी वर्दी में रहते है ताकि उनकी पहचान छिपी रहे वे हत्या , अपहरण , साइबर क्राइम और संगठित अपराध जैसे जटिल मामलो के जाँच करते है इनकी सूझबूझ और तेज़ नज़र अपराधियो तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाती है
CID Officer Kaise Bane (जाने प्रक्रिया)
दोस्तों अगर आप CID अफसर बनना चाहते है तो आपको CID ऑफिसर बनने के लिए पुलिस विभाग में भर्ती होना पड़ेगा और फिर विशेष प्रशिक्षण के बाद इस विभाग में नियुक्ता मिलेगी आओ जानते है प्रक्रिया
शैक्षणिक योग्यता
12 वी के बाद CID ऑफिसर बनने के लिए उम्मदवारो को किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय से ग्रेजुएशन करना अवश्य होता है हलाकि क्रिमिनोलॉजी में डिग्री लाभदायक होती है
इसलिए ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद उम्मीदवार SSC CGL राज्य पुलिस भर्ती या UPSC परीक्षा देकर CID में प्रवेश पा सकता है उच्च पदों के लिए पोस्टग्रेजुएशन डिग्री आवश्यक हो सकती है जैसे
- क्रिरीमेनोलोग्य
- फॉरेंसिक साइंस
- कानून
- लोक प्रशासन
- साइबर सिक्योरिटी
इन डिग्रीयो से उम्मीदवारो को प्रमोशन में मदद मिलती है और उच्च पदों के लिए चयन की संभावना बढ़ जाती है
भर्ती प्रक्रिया
CID ऑफिसर बनने के लिए 3 मुख्य रास्ते कुक इस तरहा है
- सब इंस्पेक्टर या अधिकारी के लिए कर्मचारी चयन आयोग SSC द्वारा परीक्षा आयोजित की जाती है
- कांस्टेबल या सब इंस्पेक्टर के रूप में पुलिस सेवा में भर्ती होकर अनुभव के बाद CID में प्रमोशन पाया जा सकता है
- IPS बनने के बाद CID विभागों में उच्च पदों पर सीधी नियुक्ति हो सकते
CID अफसर के लिए शारीरिक और मानसिक फिटनेस
दोस्तों CID ऑफिसर बनने के लिए जितनी पढ़ाई की आवश्यकता है उससे कही ज़्यादा शारीरिक और मानसिक फिटनेस भी अवश्य है नीचे कुछ अवश्य फिटनेस मानदंड दिए गए है जिन्हे पूरा करना अवश्य है
- पुरुषो की हाइट लगभग 165 सेमी और महिलाओ की हाइट 150 सेमी होनी चाहिए
- पुरुषो का सीना लगभग 76 सेमी होना चाहिए
- CID के उम्मीदवारो का वज़न उसकी हाइट और उम्र के अनुसार संतुलित होना चाहिए क्योकि बहुत अधिक दुबला – पतला या मोटापा सही नहीं माना जाता
- CID ट्रेनिंग में पुरुष को 1600 मीटर की दौड़ को 6 से 7 मिंट में पूरी करनी होती है
- महिलाओ को 800 मीटर की दौड़ को 4 से 5 मिंट में पूरी करनी होती है
- कलर ब्लाइंडनेस या गंभीर दृष्टि दोष होने पर अयोग्य घोषित किया जा सकता है
- CID ऑफिसर को हर समय सतर्क रहना पड़ता है इसलिए अपराध की जाँच में ध्यान केंद्रित करने और तेज़ी से निर्णय लेने की क्षमता अवश्य है
- CID ऑफिसर को कुछ ऑपरेशनों में पानी या ऊंचे इलाको में काम करना होता है इसलिए तहराना और चढ़ाई आना लाभदायक होता है
- CID ऑफिसर को कठिन परिस्थितियों में लम्बी ड्यूटी करनी पड़ती है इसलिए शारीरिक स्टैमिना मज़बूत होना चाहिए
- CID उम्मीदवारो को शराब , धूम्रपान और किसी भी नशे से दूर रहना अवश्य है
CID की ट्रेनिंग
- पुलिस सेवा में चयन होने के बाद उम्मीदवारो को राष्ट्रीय या राज्य पुलिस अकादमी में कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है जिसमे शारीरिक फिटनेस , हथियार चलाने और अपराध जाँच की शिक्षा शामिल होती है
- CID के उम्मीदवारो साबुत इकट्ठा करने , पूछताछ तकनीक और साइबर क्राइम की ट्रेनिंग दी जाती है जिससे वह अपराधियो की जाँच गहराई से कर सके
- पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर या कांस्टेबल के रूप में काम करते हुए उम्मीदवारो को वास्तविक केस सोल्व करने का अनुभव मिलता है जो CID में चयन के लिए अवश्य होता है
- कुछ वर्षो की ट्रेनिंग के बाद योग्य और दक्ष पुलिस ओफ्फिसरो को CID में प्रमोशन या ट्रांसफर के माध्यम से शामिल किया जाता है जहां उन्हे प्रोफाइल कैसो पर काम करने का मौका मिलता है
- CID ऑफिसर बनने के बाद भी नई जाँच तकनीकों , साइबर सिक्योरिटी , खुफिया रणनीतियो और आतंकरोधी अभियानों में विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है जिससे वे अपने स्किल्स को लगातार अपग्रेट कर सके
CID ऑफिसर के लिए 5 अवश्य स्किल्स
- अपराध की गहरी जाँच , सबूत इकट्ठा करना और अपराधी की मनोवृत्ति को समझने की क्षमता अवश्य होती है
- छोटी से छोटी जानकारी पर ध्यान देकर तथ्यों जा विश्लेषण करना और अपराध से जुड़े पैटर्न को समझना आवश्यक है
- CID ऑफिसर को गुप्त सूचनाओं को सुरक्षित रखते हुए चालाकी और बुद्धिमान से रणनीति बनानी होती है ताकि अपराधी तक पहुंचा जा सके इसलिए गोपनीयता और रणनीतिक सोच अवश्य है
- CID ऑफिसर को भारतीय दंड संहिता IPC साक्ष्य अधिनियम और अन्य क़ानूनी प्रक्रियाओ की जानकारी होनी चाहिए जिससे देश में हो सके
- CID ऑफिसर को तनावपूर्ण और खतरनाक परिस्थितियों में भी सूझबूझ से काम लेना होता है जिससे जाँच बना किसी दबाव के आगे बढ़ सके इसलिए साहस और मानसिक अटलता अवश्य है
CID के लिए आयु सीमा
CID ऑफिसर बनने के लिए न्यूनतम आयु 20 वर्ष और अधिकतम 27 वर्ष निर्धारित है इसके अलावा आरक्षित वर्ग को सरकारी नियमो के तहत छूट दी जाती है जिसमे OBC को 3 साल यानि 30 वर्ष और SC/ ST को 5 साल यानि 32 वर्ष की छूट मिलती है भूतपूर्व सैनिको को भी विशेष छूट का प्रावधान है
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CID की शुरुआत
CID की शुरुआत सन 1902 में ब्रिटिश सरकार ने पुलिस आयोग की सिफारिशो पर की थी ताकि गंभीर अपराधीयो की गहन जाँच की जा सके
CID के कुछ मुख्य पद
- कांस्टेबल
- डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस
- अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक
- इंस्पेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस
- डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल
- एसपी
- अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक
- डिप्टी एसपी
- इंस्पेक्टर
- सब इंस्पेक्टर
- असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर
परीक्षा पैटर्न
लिखित परीक्षा
यह परीक्षा ऑनलाइन या ऑफलाइन होती है और इसमें कुछ विषयो से प्रश्न पूछे जाते है जैसे
- सामान्य ज्ञान
- सामान्य बुद्धिमत्ता
- गणित
- इंग्लिश /हिंदी
- क़ानूनी ज्ञान
साक्षात्कार
- CID उम्मीदवारो की सोचे की क्षमता तर्कशक्ति और अपराध जाँच से जुड़ी जानकारी पर आधारित प्रश्न पूछे जाते है
- CID ऑफिसर का आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमता का परीक्षण किया जाता है
निष्कर्ष
इस कंटेंट में होने आपको CID ऑफिसर बनने की पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया है जिसमे शैक्षणिक योग्यता , परीक्षा पैटर्न , शारीरिक दक्षता , और अवश्य स्किल्स शामिल है अगर आप मज़बूत संकल्प , अनुशासन और निडरता के साथ आगे बढ़ते है तो CID में करियर बनाना आपके लिए एक सुन्हेरा अवसर हो सकता है