Para Commando Kaise Bane | चयन प्रक्रिया सेलरी और टफ ट्रेनिंग के बारे में जानें

जब हौसले बुलंद हो और इरादे फौलादी, तब जन्म होता है भारत के सबसे खतरनाक योद्धाओं का पैरा कमांडो ये वो जांबाज हैं जो दुश्मनों के दिल में खौफ और देशवासियों के दिल में गर्व भर देते हैं। हर मिशन इनके लिए एक चैलेंज है और हर चुनौती का जवाब है जीत या बलिदान दिन हो या रात, बर्फीली पहाड़ियाँ हों या जलते रेगिस्तान हर हालात में ये देश की रक्षा के लिए तैयार रहते हैं

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ये सिर्फ सैनिक नहीं भारत के असली शेर हैं स्वागत है भारतीय सेना के सबसे ख़तरनाक स्पेशल फोर्स पैरा कमांडो की दुनिया में

पैरा कमांडो क्या है

पैरा कमांडो भारत की सबसे खतरनाक और ट्रेंड स्पेशल फाॅर्स में से एक हैं ये हर मुश्किल हालत में ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं,चाहे दुश्मन के इलाके में घुसकर मिशन पूरा करना हो या आतंकी हमलों का देना,इन्हे कड़ी ट्रेनिंग ,बेहतरीन फिटनेस और मज़बूत मानसिक ताकत के लिए जाना जाता है जो इन्हे बाकी सैनिकों से अलग बनाती है ,इनका चुनाव एक बेहद सख्त प्रक्रिया से होता है और इन्हे हर मौसम और किसी भी स्तिथि में लड़ने की ट्रेनिंग दी जाती है ,देश की सुरक्षा में इनका अहम योगदान होता है |

पैरा कमांडो यूनिट का इतिहास

पैरा कमांडो भारतीय सेना की सबसे खतरनाक और खास यूनिट में से एक है,इसका गठन 1 जुलाई 1966 को किया गया था,इनका मुख्य उद्देश्य देश को आंतरिक और बाहरी खतरों,खतरनाक आतंकवादियों से सुरक्षित रखना है,ये कमांडो पैराशूट के साथ ओप्रशन में उतरते हैं,जिससे इन्हे दुश्मन के इलाके में तेज़ी से पहुंचने की क्षमता मिलती हैं,भारतीय सेना में पैरा कमांडो की करीब 9 बटालियन हैं ,फ़िलहाल ,पैराशूट रेजिमेंट के कर्नल लेफिटनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह इसकी कमान संभल रहे हैं|

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पैरा कमांडो बनने के लिए पहले भारतीय सेना से एक सैनिक के रूप में भर्ती होनी ज़रूरी होती है,इसके बाद योग्य उम्मीदवारों का चयन पैरा कमांडो अधिकरियों द्वारा किया जाता है,इसमें भर्ती के दो तरीके होते हैं सीधी भर्ती और सेना के अंदर से चयन |
सीधी भर्ती के तहत सेना की रैलियों के माध्यम से योग्य उम्मीदवारों को चुना जाता है,जिसके लिए शारीरिक और मानसिक रूप से बेहद मज़बूत होना ज़रूरी होता है

यदि कोई जवान पहले से भारतीय सेना में है और पैरा कमांडो बनना चाहता है ,तो उसे अपने रेजिमेंट के कमांडर से लेकर ऑफ रिकमेंडेशन (lor) लेना होता है ,इसके बाद चयन प्रक्रिया के तहत उसे मौका मिल सकता है,चयन होने के बाद कठिन ट्रेनिंग का दौर शुरू होता है,सेना की ट्रेनिंग पहले ही बहुत मुश्किल होती है,लकिन पैरा कमांडो की ट्रेनिंग उससे भी अधिक कठिन और चुनौतीपूर्ण होती है ,इसमें केवल 10 %उम्मीदवार ही सफल हो पाते हैं,पैरा कमांडो की बेसिक ट्रेनिंग तीन महीने तक कमांडो सेंटर में होती हैं जबकि स्पेशल फाॅर्स ट्रेनिंग के लिए कुल 6 महीने लगते हैं|

पैरा कमांडो बनने की चयन प्रक्रिया

  • पैरा कमांडो बनने की चयन प्रक्रिय को समझना उम्मीदवारों के लिए बेहद ज़रूरी है क्योकि ये उन्हें तय करने में मदद करता है की वो इस स्पेशल फाॅर्स का हिस्सा कैसे बन सकते हैं,इस प्रक्रिया को पूरी करना काफी चुनौतीपूर्ण होती है, और केवल सबसे योग्य और मजबूत उम्मीदवार ही इसे सफलतापूर्वक पूरा कर पाते हैं|
  • हर सैनिक को पैरा रेजिमेंट में शामिल होने का मौका नहीं मिलता, क्योकि ये केवल उन प्रेरित सैनिकों के लिए होता है स्वेच्छा से इसमें शामिल होना चाहते हैं,चयन प्रक्रिया विशेष रूप से ऐसे समर्पित सैनिकों की भर्ती के लिए तैयार की गयी है|
  • सभी प्रारंभिक टेस्ट और भर्ती ट्रेनिंग फाॅर्स (prtc -pre -recruitment training course) सेना के अधिकारी बोर्ड (एआरओ) द्वारा निर्धारित स्थानों पर आयोजित किये जाते हैं,यह सुनिश्चित करना है की केवल सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार ही इस कठिन यात्रा का हिस्सा बन सकें|
पैरा कमांडो की चयन प्रक्रिया का विवरण यहाँ प्रस्तुत किया गया है

जो उम्मीदवार फिजिकल फिटनेस टेस्ट में 100% और लिखित परीक्षा में कम से कम 50% अंत हासिल करते हैं ,वे पैरा रेजिमेंट में शामिल होने के योग्य माने जाते हैं,इसके बाद ,उन्हें आगे की चयन प्रक्रिया से गुज़रना होता है,अगर कोई उम्मीदवार पैरा रेजिमेंट के विशेष स्क्रीनिंग टेस्ट में सफल नहीं होता, उसकी मूल रेजिमेंट में वापस शामिल होने का अवसर दिया है,जो उम्मीदवार चुने जाने के इच्छुक हैं,उन्हें निचे दिए गए विशेष शारीरिक परीक्षण को पास करना होगा:

  • किमी दौड़ – 20 मिनट में पूरी करनी होगी
  • चीन अप्स -कम 14 बार
  • पुश अप्स -1 मिनट में 40 बार
  • सीट अप्स -2 मिनट में 80 बार
  • रोप क्लाइंबिंग -6 मिनट ऊंची रस्सी पर चढ़ना
  • मिटेर शफल (फुर्ती परीक्षण) -1 मिनट में कम से कम 17 बार

    इसके बाद चयनित उम्मीदवार को prtc पूरा करना होगा। यदि वे इसमें निर्धारित मानकों को हासिल नहीं कर पाते,तो उन्हें उनकी मूल रेजिमेंट में वापस भेज दिया जाता है ताकि वो आगे का प्रशिक्षण जारी रख सकें|

    पैरा कमांडो ट्रेनिंग के बेहतरीन संस्थान

    भारत में पैरा कमांडो बनने के लिए कुछ शीर्ष ट्रेनिंग संस्थान प्रकार है:

    • नेशनल डिफेंस एकेडमी (nda) पुणे
    • आर्मी एयरबोर्न ट्रेनिंग स्कूल ,आगरा
    • पैरा रेजिमेंट ट्रेनिंग सेंटर,बेंगलुरु
    • कमांडो ट्रेनिंग ट्रेनिंग स्कूल ,बेलगामनार्दर्न कमांड ट्रेनिंग सेंटर ,जम्मू कश्मीर
    • स्पेशल फोर्सेज ट्रेनिंग स्कूल ,नागालैंड
    • काउंटर इंसर्जेंसी एंड जंगल वारफेयर स्कूल,मिजोरम

    हाई स्कूल

    ये संस्थान पैरा कमांडो को बेहतरीन ट्रेनिंग देकर उन्हें हर चुनौती के लिए तैयार करते हैं | पैरा कमांडो बनने के लिए ज़रूरी योग्यताएं पैरा कमांडो बनने के लिए सबसे ज़रूरी ये है की उम्मीदवार पहले भारतीय सेना का सदस्य होना चाहिए,अगर सेना में रिक्तियां उपलब्ध हैं,तो सैनिक पैरा रेजिमेंट के लिए आवेदन कर सकते हैं,निचे पैरा कमांडो बनने की आवश्यक योग्यताएं दी गई हैं:

    आयु सीमा
    • न्यूनतम आयु-16.5 वर्ष
    • अधिकतम आयु-19.5 वर्ष
    • वैवाहिक स्थिति-
    • केवल अविवाहित पुरुष उम्मीदवार ही आवेदन कर सकते हैं
    • शारीरिक माप -भारतीय सेना, नौसेना, और नौसेना अकादमी के लिए न्यूनतम ऊंचाई 157 सेमी होनी चाहिए वायु सेना के लिए न्यूनतम ऊंचाई 162.5 सेमी होनी चाहिए|
      यह सभी योग्यताएं पूरी करने वाले उम्मीदवार ही पैरा कमांडो भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकते है|
    ट्रेनिंग का समय
    • पैरा कमांडो का दिन सुबह 3:00 से 4:00 बजे के बिच शुरू होता है
    • हर दिन उन्हें 60 से 65 किलोग्राम वज़न लेकर 20 किलोमीटर दौड़ लगानी होती है |
      पैरा कमांडो की ट्रेनिंग आगरा के एयरफोर्स ट्रेनिंग स्कूल में दी जाती है,जहाँ जवानों को 33,000 फिट की ऊंचाई से 50 बार पैराशूट जम्प करनी होती है
    • पानी में लड़ाई के लिए नौसेना के ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल,कोच्चि में विशेष ट्रेनिंग दी जाती है
    • लगभग 1 महीने की बेसिक ट्रेनिंग के बाद जवानों को हतियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है
    • कठिन परिस्थितियों में लड़ने और लोगो की मदद करने की विशेष ट्रेनिंग दी जाती है
    • दुश्मनों से मुक़ाबला करने के लिए ताइक्वांडो का प्रशिक्षण दिया जाता है

      बेसिक ट्रेनिंग पूरी होने के बाद,कमांडो को साढ़े 3 साल तक ट्रेनिंग और मिशन पर काम करना होता है|

      पैरा कमांडो को दिए जाने वाले हथियार

      • Micro Uzi मशीन गन
      • Beretta 2 ऑटोमैटिक पिस्टल
      • PM Med9 असॉल्ट राइफल
      • UK VZ 59L लाइट मशीन गन
      • Siphon 12mm रॉकेट लॉन्चर
      • PKM लाइट मशीन गन

      ये सभी ट्रेनिंग और हथियार पैरा कमांडो को युद्ध के हर मोर्चे के लिए तैयार करते हैं

      पैरा कमांडो की सेलेरी

      पैरा कमांडो को उनकी ज़िम्मेदारी और खतरनाक मिशनों के अनुसार उच्च वेतन दिया जाता है ,एक पैरा कमांडो की वार्षिक सेलेरी 10 लाख रुपए या उससे अधिक हो सकती है|

      अन्य लाभ और सुविधाएं
      • सेना में मिलने वाली मुफ्त चिकित्सा सुविधा
      • विशेष भत्ते और इंशोरेंस कवर
      • परिवार के लिए रिहायशी सुविधा
      • बच्चों के शिक्षा के लिए सहायता
      रिटायरमेंट के बाद पेंशन और अन्य लाभ

        पैरा कमांडो न सिर्फ एक सम्मानजनक करियर है बल्कि इसमें बेहतरीन सेलेरी और सुविधा भी मिलती है,जो इसे आकर्षक बनती है|

        अगर आप पैरा कमांडो बनना चाहते हैं तो आपको कुछ अहम् बातों का ध्यान रखना होगा जैसे

        • शारीरिक फिटनेस -रोज़ाना व्यायाम ,दौड़ और वेट ट्रेनिंग करे ताकि आपकी सहनशक्ति और ताक़त बढ़े
        • मानसिक मज़बूती -कठिन परिस्थितियों में खुद को सँभालने के लिए मानसिक दृढ़ता बेहद जरूरी है
        • धैर्य और साहस -पैरा कमांडो बनने के सफर में आपको कई मुश्किल दौर से गुज़रना होगा ,इसलिए संयम बनाए रखे
          4निरंतर अभ्यास -ट्रेनिंग के दौरान लगातार मेहनत और समर्पण से ही आप एक कुशल कमांडो बन सकते हैं
        • स्वस्थ जीवनशैली -संतुलित आहार लें,पर्याप्त नींद लें और किसी भी तरह की नशे की आदत से दूर रहें
        • टीम वर्क- कमांडो ऑपरेशंस में टीम वर्क बहुत मायने रखता है,इसलिए सहयोग और अनुशासन को अपनाएं
        • तकनिकी ज्ञान -हथियारों और आधुनिक युद्ध तकनीकों की जानकारी हासिल करना भी जरूरी है

          अगर आप इन बातों पर चलेंगे, तो पैरा कमांडो बनने की राह आपके लिए आसान हो जाएगी |

          FAQs

          प्रशन 1. पैरा कमांडो की सेलेरी कितनी होती है ?
          उत्तर -पैरा कमांडो की लगभग सालाना 10 लाख रुपए की सेलेरी मिलती है ,साथ ही उन्हें सेना की अन्य सुविधाएं,भत्ते और मेडिकल सुविधाएं भी मिलती हैं।

          प्रशन 2. पैरा कमांडो की ट्रेनिंग कैसी होती है?
          उत्तर -पैरा कमांडो की ट्रेनिंग बेहद कठिन होती है,रोज़ाना 60-65 किलो वज़न के साथ 20 किलोमीटर की दौड़ लगनी पड़ती है ,उन्हें 33.000 फिट की ऊंचाई से 50 बार पेराशूट जंप लगाने की ट्रेनिंग दी जाती है |

          प्रशन3. आर्मी में पैरा कमांडो कौन होते हैं ?
          उत्तर – पैरा कमांडो भारतीय सेना की स्पेशल फाॅर्स यूनिट का हिस्सा होते हैं,ये सैनिक खतरनाक मिशन को अंजाम देने के लिए विशेष प्राप्त करते हैं और स्पेशल फाॅर्स (sf) भी कहा जाता है

          प्रशन 4. पैरा सफ का नैरा क्या है ?
          उत्तर -पैरा सफ का नारा है -तुम भारत के वीर हो,तुम अपने देश के रक्षक हो।

          प्रशन 5. पैरा कमांडो को कितनी छुट्टी मिलयी है?
          उत्तर -उन्हें 30 दिन की कीजुअल लिव और दो महीने की एनुअल लिव मिलती है,लकिन ऑपरेशनल ज़रूरतों के हिसाब से ये बदल भी सकती है।

          प्रशन 6. क्या पैरा कमांडो बनने के लिए उच्च शिक्षा ज़रूरी है?
          उत्तर -नहीं ,12वि पास उम्मीदवार भी पैरा कमांडो के लिए आवेदन कर सकते हैं,लकिन उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से बेहद फिट होना चाहिए।

          प्रशन 7. पैरा कमांडो की ट्रेनिंग कितने समय की होती है?
          उत्तर-पैरा कमांडो की ट्रेनिंग लगभग 1 से 1.5 साल तक चलती है,जिसमे युद्ध कौशल,हथियारों का प्रशिक्षण,पर्वतीय युद्ध,पानी के अंदर लड़ाई और पैराशूट जम्प शामिल होते हैं।

          प्रशन 8.क्या ट्रेनिंग के दौरान मेडिकल चेकअप होता है ?
          उत्तर -हाँ ,ट्रेनिंग के दौरान कई बार मेडिकल टेस्ट होते हैं,अगर कोई उम्मीदवार मेडिकल मनको पर खरा नहीं उतरता तो उसे चयन प्रक्रिया से बहार कर दिया जाता है।

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