CDO Kaise Bane | योग्यता, वेतन, अधिकार व CDO का फुल फॉर्म

हर जिले में विकास कार्यों की निगरानी और योजनाओं को ज़मीन पर उतारने की जिम्मेदारी जिस अधिकारी के पास होती है, उसे मुख्य विकास अधिकारी यानी CDO कहा जाता है। यह पद प्रशासनिक दृष्टि से बेहद अहम होता है क्योंकि इसके तहत पूरे जिले में चल रही ग्रामीण और शहरी योजनाओं की समीक्षा की जाती है। CDO, जिले में नियुक्त BDO और अन्य ब्लॉक स्तर के अधिकारियों के कार्यों का निरीक्षण करता है और ज़रूरत पड़ने पर निर्देश भी देता है

यह अधिकारी सीधे तौर पर जिलाधिकारी के अधीन कार्य करता है और सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने में मुख्य भूमिका निभाता है। हर राज्य में CDO को एक सशक्त पद माना जाता है, जिसमें निर्णय लेने की क्षमता और क्रियान्वयन की जिम्मेदारी दोनों होती हैं। विकास से जुड़ी योजनाओं की गति, गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना इसी अधिकारी की प्रमुख ज़िम्मेदारी होती है। अगर कोई व्यक्ति प्रशासनिक सेवा में आकर जिले स्तर पर परिवर्तन लाना चाहता है, तो यह पद उसके लिए उपयुक्त विकल्प है

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आगे इस आर्टिकल में हमने आपको बताया है कि CDO Kaise Bane , उनकी योग्यता, चयन प्रक्रिया और सैलरी क्या होती है सभी जानकारी के लिए इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़े

CDO Kaise Bane

मुख्य विकास अधिकारी (CDO) बनना एक ऐसा सफर है जो कड़ी मेहनत, सटीक दिशा और उच्च स्तर की प्रतियोगी परीक्षा के जरिए तय होता है। इस पद तक पहुंचने के लिए सबसे पहले किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त करना ज़रूरी है। इसके बाद अभ्यर्थी को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में भाग लेना होता है, जो प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू —

इन तीन कठिन चरणों में पूरी होती है। सफल अभ्यर्थियों को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में चयनित किया जाता है और ट्रेनिंग के दौरान या बाद में उन्हें CDO जैसे प्रशासनिक पदों पर तैनात किया जाता है। यह जिम्मेदारी उन्हें जिला स्तर पर विकास योजनाओं के क्रियान्वयन और निगरानी के लिए दी जाती है।

कुछ मामलों में राज्य सेवा आयोग के जरिए चयनित अधिकारियों को भी अनुभव के आधार पर CDO पद की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। यदि इस पद तक पहुँचना है, तो सिविल सेवा की तैयारी को गंभीरता से लेकर लक्ष्य पर केंद्रित रहना ज़रूरी है। यह केवल एक नौकरी नहीं बल्कि जिले की तरक्की और शासन व्यवस्था में अहम भूमिका निभाने का अवसर होता है

CDO Ka Full Form

मुख्य विकास अधिकारी (CDO) का पूर्ण रूप Chief Development Officer होता है।
यह अधिकारी जिले में चल रही सभी विकास योजनाओं की निगरानी और क्रियान्वयन की ज़िम्मेदारी निभाता है।

CDO के लिए योग्यता

  • उम्मीदवार के पास भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (Graduation) की डिग्री होनी चाहिए।
  • अधिकतर मामलों में उम्मीदवार का IAS, PCS या राज्य प्रशासनिक सेवा से जुड़ा होना ज़रूरी होता है।
  • अच्छी प्रशासनिक समझ, नेतृत्व क्षमता और विकास कार्यों का अनुभव होना अनिवार्य होता है।
  • समाज सेवा, ग्रामीण विकास, और सरकारी योजनाओं के संचालन में रुचि रखने वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाती है।
  • आवेदन के समय आयु सीमा 21 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए (यह राज्य विशेष पर निर्भर करता है)।
  • कंप्यूटर ज्ञान और डिजिटल कार्य प्रणाली की समझ एक अतिरिक्त योग्यता मानी जाती है।
  • उम्मीदवार के पास किसी भी विभाग का व्यावहारिक अनुभव हो तो यह चयन प्रक्रिया में मदद करता है।
  • किसी भी आपराधिक मामले में दोषी पाए जाने वाले उम्मीदवार को अयोग्य माना जाएगा।
  • अभ्यर्थी को राज्य और जिला स्तर की विकास नीतियों की जानकारी होनी चाहिए।
  • चयन प्रक्रिया के अंतर्गत अक्सर लिखित परीक्षा, इंटरव्यू और डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन शामिल होते हैं।

सीडीओ का वेतन

मुख्य विकास अधिकारी (CDO) को केंद्र सरकार के वेतनमान अनुसार ₹37,400 से ₹67,000 तक मासिक वेतन दिया जाता है। इसके अलावा उन्हें महंगाई भत्ता, यात्रा भत्ता और आवासीय सुविधा जैसी कई सुविधाएं भी मिलती हैं। यह वेतन उनके कार्यक्षेत्र, अनुभव और राज्य की नीतियों के आधार पर थोड़ा ऊपर-नीचे हो सकता है। कुल मिलाकर CDO पद एक प्रतिष्ठित और अच्छी आय देने वाला सरकारी पद माना जाता है।

CDO के अधिकार

  • CDO को जिले के अंतर्गत आने वाले सभी ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर्स (BDOs) की मीटिंग की अध्यक्षता करने का पूरा अधिकार होता है।
  • CDO यह सुनिश्चित करता है कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं ब्लॉकों में सही ढंग से लागू की जा रही हैं या नहीं।
  • CDO, BDO सहित अन्य विकास अधिकारियों को योजना से संबंधित आवश्यक निर्देश देने के लिए अधिकृत होता है।
  • यदि कोई BDO या अधिकारी दिए गए निर्देशों का पालन नहीं करता, तो CDO उसे चेतावनी, अनुशासनात्मक कार्यवाही या यहां तक कि बर्खास्त भी कर सकता है।
  • जिले में चल रहे सभी विकास कार्यों की नियमित समीक्षा और मूल्यांकन करना CDO की जिम्मेदारी होती है।
  • कई परियोजनाओं में CDO को अनुमोदन और व्यय की स्वीकृति देने का भी अधिकार प्राप्त होता है।
  • सभी विकास कार्यक्रमों की प्रगति रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार या उच्च अधिकारियों को भेजने की ज़िम्मेदारी भी उसी की होती है।
  • नागरिकों से आने वाली विकास से जुड़ी समस्याओं और शिकायतों को सुनना और उनका समाधान सुनिश्चित करना भी CDO की भूमिका में शामिल है।

FAQs

प्रश्न – CDO की जिम्मेदारियां क्या होती हैं?
उत्तर – CDO जिले के विकास कार्यों की निगरानी करता है और योजनाओं के क्रियान्वयन की देखरेख करता है, जैसे – रोजगार, स्वच्छता, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी योजनाएं।

प्रश्न – CDO बनने के लिए कौन सी परीक्षा देनी होती है?
उत्तर – CDO बनने के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की परीक्षा पास करनी होती है, जो UPSC द्वारा आयोजित की जाती है।

प्रश्न – CDO की पोस्टिंग किस स्तर पर होती है?
उत्तर – CDO की पोस्टिंग जिले स्तर पर होती है और यह अधिकारी जिला अधिकारी (DM) के अधीन काम करता है।

प्रश्न – CDO और DM में क्या अंतर है?
उत्तर – DM पूरे जिले का प्रशासनिक प्रमुख होता है, जबकि CDO विशेष रूप से विकास योजनाओं और सरकारी स्कीम्स पर केंद्रित रहता है।

प्रश्न – क्या राज्य सरकार CDO नियुक्त करती है?
उत्तर – हां, राज्य सरकार ही CDO की नियुक्ति करती है, लेकिन ये अधिकारी भारतीय प्रशासनिक सेवा से संबंधित होते हैं।

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