जब बात होती है ग्रामीण विकास की तो इसमें सबसे पहला नाम जो आता है वो है BDO ये वही अधिकारी होता है जो गांवों में सरकार की योजनाओं को लागू करता है आज बहुत से लोग सोचते हैं कि केवल शहरों में ही तरक्की होती है लेकिन गांवों की तरक्की के पीछे BDO जैसे अफसरों का ही हाथ होता है। ये पोस्ट न केवल जिम्मेदारी भरी है बल्कि समाज में इज्जत और स्थायित्व भी देती है
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अगर आप चाहते हैं कि आपकी नौकरी का असर समाज पर पड़े तो BDO आपके लिए एक बेहतरीन ऑप्शन है इस आर्टिकल में हम आपको बताएगे कि BDO kya hai , BDO ऑफिसर कैसे बनते हैं इस पूरी जानकारी के लिए इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़े
BDO kya hai?
BDO ऑफिसर एक ऐसा अधिकारी होता है जो ब्लॉक स्तर पर विकास कार्यों का नेतृत्व करता है यह पद राज्य सरकार के प्रशासनिक ढांचे में बेहद अहम भूमिका निभाता है इसका काम केवल दफ्तर में बैठकर फाइलों पर हस्ताक्षर करना नहीं होता बल्कि ब्लॉक के अंदर हर सरकारी स्कीम की देख रेख करना होता है अब मन में यह सवाल आता है कि ब्लॉक क्या होता है तो यह जान ले ब्लॉक एक प्रशासनिक क्षेत्र होता है जिसमें कई गांव शामिल होते हैं और BDO उस क्षेत्र का इंचार्ज होता है इसकी जिम्मेदारी होती है कि सरकारी योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन हो इसके अलावा वो ग्रामीण जनता की समस्याओं को भी सरकार तक पहुंचाता है
BDO ऑफिसर का कार्य
BDO के मुख्य कार्य कुछ इस प्रकार है जैसे
- ब्लॉक स्तर पर सभी विकास योजनाओं की निगरानी करना
- सड़कों का निर्माण और सरकारी भवनों के रखरखाव की जिम्मेदारी संभालना
- गांव के स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र और अन्य मूलभूत सेवाओं की व्यवस्था को दुरुस्त रखना
- प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाओं को लागू करवाना
- हर महीने अधिकारियों की बैठक लेकर विकास कार्यों की प्रगति रिपोर्ट तैयार करना
- यदि किसी योजना में गड़बड़ी होती है तो उसका त्वरित निराकरण कराना
- ब्लॉक में प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखना और जनता की समस्याओं का समाधान करना
BDO फुल फॉर्म क्या होता है
BDO का फुल फॉर्म Block Development Officer होता है इसमें Block मतलब एक प्रशासनिक क्षेत्र, Development मतलब उस क्षेत्र में विकास का काम और Officer यानी उस विकास का जिम्मेदार अधिकारी इसे हिंदी में खण्ड विकास अधिकारी भी कहा जाता है ये नाम भले तीन शब्दों का है लेकिन इसके भीतर पूरी प्रशासनिक जिम्मेदारी छिपी है इस पोस्ट का नाम भले आम लोगों को ज्यादा पता न हो लेकिन गांवों के हर सरकारी काम में इसी अधिकारी का हस्ताक्षर अवश्य होता है
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BDO ऑफिसर कैसे बनें?
BDO ऑफिसर बनने के लिए किसी जादू की जरूरत नहीं बल्कि एक ठोस तैयारी , सही दिशा और लगातार मेहनत चाहिए सबसे पहले तो आपको यह समझना होगा कि यह पद राज्य लोक सेवा आयोग PSC की परीक्षा के माध्यम से मिलता है इसके लिए एक सुनियोजित योजना बनाकर पढ़ाई करनी पड़ती है एक मजबूत बेस बनाने के लिए NCERT की किताबों से शुरुआत करना लाभदायक होता है। साथ ही करंट अफेयर्स, राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी भी जरूरी होती है अगर आप हर दिन थोड़ी थोड़ी तैयारी करते हैं तो BDO ऑफिसर बनने का सपना हकीकत बन सकता है
1. शैक्षिक योग्यता
BDO ऑफिसर बनने के लिए शैक्षिक योग्यता की बात करें तो उम्मीदवार का किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक पास होना अवश्य है इसमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने किस विषय से ग्रेजुएशन किया है चाहे आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स या कंप्यूटर किसी भी स्ट्रीम से हों उम्मीदवार इस पोस्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं हालांकि प्रशासनिक परीक्षा की तैयारी के लिए सामान्य अध्ययन, करंट अफेयर्स और राज्य की योजनाओं की जानकारी पहले से होनी चाहिए इससे परीक्षा में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है
2. आयु सीमा
BDO पद के लिए उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम 40 वर्ष निर्धारित होती है हालांकि यह सीमा राज्य विशेष के अनुसार बदल भी सकती है कुछ राज्यों में अधिकतम उम्र 37 या 42 वर्ष तक होती है आरक्षित वर्गों को सरकारी नियमों के अनुसार आयु सीमा में छूट दी जाती है उदाहरण के लिए SC/ST उम्मीदवारों को 5 वर्ष और OBC को 3 वर्ष की छूट मिलती है दिव्यांग उम्मीदवारों को भी विशेष छूट का प्रावधान होता है इसलिए आवेदन करने से पहले राज्य का नोटिफिकेशन अवश्य पढ़ना चाहिए
3. चयन प्रक्रिया
BDO ऑफिसर बनने के लिए राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा तीन चरणों में परीक्षा कराई जाती है सबसे पहला चरण प्रारंभिक परीक्षा होती है जिसमें वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते हैं इसके बाद मुख्य परीक्षा होती है जिसमें डिस्क्रिप्टिव टाइप पेपर होते हैं अंतिम चरण में इंटरव्यू लिया जाता है जिसमें उम्मीदवार के व्यक्तित्व, सोच और प्रशासनिक समझ को परखा जाता है तीनों चरणों में अच्छे अंक लाने वाले अभ्यर्थियों को मेरिट लिस्ट के आधार पर नियुक्ति दी जाती है। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और सख्ती बरती जाती है अब इन तीनो परीक्षाओ को विस्तार से समझते है
प्रारंभिक परीक्षा
BDO की प्रारंभिक परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रकार की होती है इसमें सामान्य अध्ययन, करंट अफेयर्स, तार्किक क्षमता और राज्य विशेष सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछे जाते हैं इस परीक्षा का मुख्य उद्देश्य अभ्यर्थियों की बेसिक जानकारी और प्रशासनिक समझ को परखना होता है। आमतौर पर इसमें 150 से 200 प्रश्न होते हैं और नेगेटिव मार्किंग भी लागू होती है प्रारंभिक परीक्षा में सफल उम्मीदवार ही मुख्य परीक्षा में बैठने के योग्य होते हैं इस परीक्षा का सिलेबस विस्तृत और गहराई लिए होता है
मुख्य परीक्षा
BDO की मुख्य परीक्षा डिस्क्रिप्टिव यानी वर्णनात्मक होती है इसमें निबंध लेखन, सामान्य अध्ययन, और राज्य विशेष विषयों पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं यह परीक्षा उम्मीदवार की प्रशासनिक क्षमता, तर्कशक्ति और विषय पर पकड़ को परखने के लिए होती है इसमें कुल 3 से 5 पेपर होते हैं और हर पेपर की निर्धारित समय सीमा और अंक होते हैं इस परीक्षा में सफल होने के लिए गहन अध्ययन और रिवीजन अवश्य है यहां प्रश्नों के उत्तर विस्तार से और तार्किक ढंग से लिखने होते हैं
इंटरव्यू
अंतिम चरण इंटरव्यू का होता है जिसमें उम्मीदवार का आत्मविश्वास, व्यवहार, समाजिक समझ और प्रशासनिक दृष्टिकोण देखा जाता है यह केवल सवाल जवाब की प्रक्रिया नहीं होती बल्कि आपकी सोच, बोलने का तरीका और व्यवहार परखने का मौका होता है इंटरव्यू बोर्ड में वरिष्ठ अधिकारी होते हैं जो आपके हाव भाव, बोलने के ढंग और मुद्दों को समझने की क्षमता का आंकलन करते हैं इसके लिए करंट अफेयर्स, राज्य की समस्याएं और प्रशासनिक फैसलों की समझ होना अवश्य है
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BDO की सैलरी
श्रेणी | जानकारी |
मासिक सैलरी | 50000 से 80000 प्रतिमाह |
सरकारी आवास | फ्री सरकारी आवास की सुविधा |
गाड़ी और ड्राइवर | पद के अनुसार सरकारी गाड़ी और ड्राइवर की सुविधा |
मेडिकल भत्ता | सरकारी नियमों के अनुसार मेडिकल खर्च की सुविधा |
यात्रा भत्ता | ब्लॉक और जिले की सरकारी यात्राओं पर यात्रा भत्ता |
पेंशन योजना | सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन और अन्य रिटायरमेंट सुविधाएं |
प्रमोशन और वेतनवृद्धि | समय-समय पर पदोन्नति और वेतन में बढ़ोतरी |
FAQs
प्रश्न – क्या BDO ऑफिसर बनने के लिए कोचिंग ज़रूरी है?
उत्तर – नहीं अगर आपकी बेसिक समझ और राज्य की जानकारी मजबूत है तो खुद से भी पढ़ सकते हैं हां अगर गाइडलाइन और सिलेबस समझने में दिक्कत हो तो कोचिंग एक बेहतर उपाय है
प्रश्न – क्या कंप्यूटर की जानकारी BDO एग्जाम में जरूरी है?
उत्तर – जी हां आजकल लगभग हर सरकारी दफ्तर में डिजिटल काम होता है इसलिए बेसिक कंप्यूटर स्किल्स MS Office और सरकारी पोर्टल्स की जानकारी हो तो लाभ रहेगा
प्रश्न – क्या BDO की पोस्ट के लिए कोई फिजिकल टेस्ट भी होता है?
उत्तर – नहीं इसमें केवल लिखित परीक्षा और इंटरव्यू होता ह कोई शारीरिक परीक्षा अवश्य नहीं है
प्रश्न – BDO ऑफिसर बनने के बाद प्रमोशन के क्या मौके होते हैं?
उत्तर – BDO के बाद डिप्टी कलेक्टर, SDM या अन्य वरिष्ठ पदों तक प्रमोशन हो सकता है इसके लिए विभागीय अनुभव और इंटरव्यू में परफॉर्मेंस मायने रखती है
प्रश्न – क्या BDO केवल ग्रामीण इलाकों में काम करता है?
उत्तर – हां BDO की पोस्ट मुख्य रूप से ब्लॉक और गांव के विकास कार्यों से जुड़ी होती है शहरों में इस पद का अलग स्ट्रक्चर होता है
प्रश्न – क्या एक बार फेल होने पर फिर से BDO एग्जाम दिया जा सकता है?
उत्तर – बिल्कुल जब तक आपकी उम्र सीमा में आप आते हैं आप बार-बार कोशिश कर सकते हैं कुछ स्टूडेंट 3 से 4 बार में सेलेक्ट होते हैं
प्रश्न – क्या BDO की नौकरी में ट्रांसफर भी होते हैं?
उत्तर – हां ये एक ट्रांसफरेबल पोस्ट होती है समय समय पर एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक या जिले में तबादला किया जा सकता है