योग केवल एक व्यायाम नहीं बल्कि यह जीवन जीने की एक कला है यह एक ऐसी प्राचीन भारतीय परंपरा है जिसने न केवल भारत को बल्कि पूरे विश्व को स्वास्थ्य संतुलन और आत्मिक शांति की राह दिखाई है योग शब्द अपने आप में ही ऊर्जा अनुशासन और चेतना का प्रतीक है और आसन इस ऊर्जा को शरीर के माध्यम से अभिव्यक्त करने का माध्यम योगासन वह माध्यम है जिससे हम अपने शरीर को स्थिर लचीला और सशक्त बनाते हैं साथ ही मानसिक शांति और आत्मिक संतुलन भी प्राप्त करते हैं इन आसनों के अभ्यास से न केवल रोगों से बचाव होता है बल्कि यह जीवन में सकारात्मक ऊर्जा उत्साह और स्पष्टता भी लाता हैं
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इस आर्टिकल में हम आपको yogasan kya hai ,20 प्रमुख योगासनों के नाम उनके लाभ और हिंदी में सुंदर चित्रों सहित विस्तृत जानकारी देने जा रहे हैं इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़े
Yogasan Kya Hai
योगासन का अर्थ है शक्ति और स्थिरता की अवस्थ। यह दो शब्दों से मिलकर बना है योग और आसन जहाँ योग का मतलब है आत्मिक एकता या समाध वहीं आसन का अर्थ है एक ऐसी शारीरिक मुद्रा जिसमें शरीर सहज और स्थिर रहता है। योगासनों के माध्यम से व्यक्ति अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार सरल और प्रभावी तरीक़े से योग का अभ्यास करता है योग में अनेक प्रकार के आसन होते हैं जिनका उद्देश्य शरीर को स्वस्थ और मन को शांत बनाना होता है
भारतीय संस्कृति और प्राचीन ग्रंथों में योग का विस्तृत वर्णन मिलता है हमारे ऋषि-मुनि सदियों से योग का अभ्यास करते आए हैं जिससे उन्हें लंबी और स्वस्थ जीवन प्राप्त होता था आज के समय में योगासन न केवल हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा बन गया है बल्कि यह हमारे शरीर मन और आत्मा के संतुलन को बनाए रखने में भी सहायक है भारत को योग की जननी माना जाता है योगासन मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं गतिशील आसन और स्थिर आसन आसन शब्द संस्कृत के अस धातु से लिया गया है जिसका अर्थ होता है बैठना या शारीरिक स्थिति इसका मूल उद्देश्य है शरीर की अशुद्धियों को दूर कर मन और आत्मा को संतुलित करना योग एक ऐसा विज्ञान है जो सही तरीके से जीवन जीने की कला सिखाता है
योग का अभ्यास करते समय कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना चाहिए
- योग करने से पहले स्नान अवश्य करें
- हमेशा आरामदायक और सूती वस्त्र पहनें
- योग खाली पेट करें भोजन और योग के बीच कम से कम 3 घंटे का अंतर होना चाहिए
- तन और मन दोनों की स्वच्छता ज़रूरी है
- शांत और स्वच्छ वातावरण में योग करें
- शरीर पर किसी प्रकार का ज़ोर न डालें सहज और संयमित अभ्यास करें
- योग करने के बाद 30 मिनट तक कुछ भी न खाएँ
- यदि कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो तो योग शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें
- योग केवल एक शारीरिक क्रिया नहीं बल्कि यह शरीर मन और भावना के बीच तालमेल स्थापित करने का माध्यम है इसे अपनाकर हम एक संतुलित शांत और स्वस्थ जीवन की ओर बढ़ सकते हैं।
योग के आसनों के नाम और फोटो हिंदी में
प्राचीन योग ग्रंथों में योगासनों की संख्या को लेकर अलग अलग विवरण मिलते हैं अधिकांश ग्रंथों में 84 योगासनों का उल्लेख होता है जो योग की परंपरा में एक विशेष संख्या मानी जाती है हालांकि हर ग्रंथ में आसनों की संख्या समान नहीं है गौरक्ष नामक ग्रंथ में 84 आसनों की जानकारी दी गई है जबकि हठरत्नावली में इनकी संख्या 52 बताई गई है योग की परंपरा में शिव संहिता हठयोग प्रदीपिका और घेरंड संहिता जैसे ग्रंथों का विशेष महत्व है शिव संहिता में भी 84 योगासनों का वर्णन मिलता है हठयोग प्रदीपिका में 15 आसनों को प्रमुख माना गया है जबकि घेरंड संहिता में 32 आसनों के साथ साथ 25 मुद्राओं का भी विस्तार से वर्णन किया गया है समय के साथ योग का स्वरूप भी बदला है आधुनिक युग में कई नए आसनों की रचना हुई है जो पुराने ग्रंथों में नहीं मिलते। इस कारण आज योगासनों की कोई निश्चित या सीमित संख्या नहीं कही जा सकती योग निरंतर विकसित होने वाली परंपरा है जो शारीरिक मानसिक और आत्मिक विकास के लिए विभिन्न रूपों में अपनाई जाती है।
1.पर्श्वोत्तनासन
इस योगासन को अंग्रेज़ी में इंटेंस साइड स्ट्रेच पोज़ कहा जाता है यह आसन न केवल शरीर को मजबूती प्रदान करता है बल्कि मानसिक रूप से भी संतुलन और शांति लाता है इसके अभ्यास से पैरों की मांसपेशियाँ मज़बूत होती हैं और शरीर में स्थिरता आती है इस आसन को करने से मन शांत होता है और मानसिक तनाव कम होता है। साथ ही यह पाचन तंत्र को सक्रिय करता है जिससे भोजन अच्छे से पचता है यह आसन रीढ़ की हड्डी को भी अच्छी तरह से खींचता है जिससे उसमें लचीलापन आता है और शरीर हल्का महसूस होता है

2.आकर्ण धनुरासन
इस योगासन को अंग्रेज़ी में शूटिंग बो कहा जाता है यह आसन कमर और कंधों की मांसपेशियों को ताकतवर बनाने में मदद करता है इसका नियमित अभ्यास शरीर में रक्त संचार को बेहतर बनाता है जिससे पूरे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह सुचारु रहता है,यह आसन पेट संबंधी समस्याओं के लिए भी लाभकारी माना जाता है विशेष रूप से कब्ज की समस्या को दूर करने में यह सहायक होता है इसके अलावा यह पाचन तंत्र को सक्रिय करता है और पेट के रोगों से राहत दिलाने में मदद करता है यह आसन शरीर को संतुलित रखने और आंतरिक अंगों को स्वस्थ बनाए रखने में भी सहायक है।

3. अनन्तासन
इस योगासन को अंग्रेज़ी में अनंता पोज़ कहा जाता है यह आसन पाचन तंत्र को सुधारने में अत्यंत लाभकारी है और पेट के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है इसका नियमित अभ्यास पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करता है और रीढ़ की हड्डी को लचीलापन और ताकत प्रदान करता है इसके अतिरिक्त यह आसन उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) को नियंत्रित करने में सहायक है जिससे शरीर में संतुलन बना रहता है।

4. उत्तान शिशुनासन
इस आसन को Extended Puppy Pose कहा जाता है। यह आसन मानसिक तनाव को कम करने में बहुत प्रभावी होता है और शरीर को शांति प्रदान करता है
इसके अभ्यास से न केवल शरीर बल्कि मन भी शांत होता है यह कंधों की स्ट्रेचिंग करने में मदद करता है जिससे कंधों में लचीलापन आता है और तनाव दूर होता है।

5. अष्टांग नमस्कार
इस आसन को Eight-Limbed Salutation Caterpillar Pose कहा जाता है। यह योगासन विशेष रूप से पेट की चर्बी को घटाने में मदद करता है जिससे शरीर स्वस्थ और हल्का महसूस करता है यह हाथों की मांसपेशियों को मजबूत करता है और शरीर को लचीला बनाता है इसके नियमित अभ्यास से न केवल शारीरिक ताकत में वृद्धि होती है बल्कि यह मानसिक शांति भी प्रदान करता है।

6. अष्ट वक्रासन
इस आसन को अस्त्वाक्र पोज़ कहा जाता है यह हमारे चेहरे पर प्राकृतिक चमक लाता है और कंधों को मजबूत करता है इसके साथ ही यह कलाइयों और पैरों की मांसपेशियों को भी सशक्त बनाता है यह आसन शारीरिक और मानसिक स्थिति में संतुलन बनाए रखने में भी मददगार होता है।

7. बकासन
इस आसन को कौवा आसन के नाम से जाना जाता है इसे नियमित रूप से करने से चेहरे पर एक प्राकृतिक चमक आ जाती है और त्वचा में निखार आता है इसके अलावा यह शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद करता है खासकर पेट और जांघों की क्षेत्र में यह आसन हाथों की मांसपेशियों को भी मजबूत करता है जिससे शारीरिक शक्ति बढ़ती है और हाथों में स्थिरता आती है कौवा आसन शरीर को लचीला और मजबूत बनाने में भी सहायक होता है।

8. आनंद बालासन
इस आसन को हैप्पी बेबी पोज़ कहा जाता है यह आसन थकान चिंता और डिप्रेशन को दूर करने में मदद करता है जिससे मानसिक शांति मिलती है इसके नियमित अभ्यास से कमर के दर्द में आराम मिलता है और पाचन तंत्र भी बेहतर काम करने लगता है यह दिमाग को शांति और सुकून का अहसास कराता है जिससे समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है।

9. भारद्वाज आसन
इस आसन को भरद्वाज आसन कहा जाता है इसे नियमित रूप से करने से साइटिका और कमर दर्द में राहत मिलती है साथ ही गर्दन के दर्द को भी कम किया जा सकता है यह आसन मानसिक तनाव और एंजायटी को दूर करने में भी मदद करता है जिससे मानसिक शांति और संतुलन बनाए रखने में सहायता मिलती है भरद्वाज आसन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है।

10. भेकासन
इस आसन को फ्रॉग पोज़ कहा जाता है। इसे अभ्यास करने से पाचन तंत्र बेहतर होता है और अग्नाशय की कार्यक्षमता में भी सुधार आता है यह आसन सांस की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है जिससे श्वसन प्रणाली में भी सुधार होता है फ्रॉग पोज़ शारीरिक लचीलापन और आंतरिक स्वास्थ्य को संतुलित करने में सहायक होता है।

11. शशांकासन
इस आसन को रैबिट पोज़ कहा जाता है इसे करने से शरीर मजबूत बनता है और शरीर की अतिरिक्त चर्बी घटती है जिससे मोटापे को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यह आसन पाचन तंत्र को भी बेहतर करता है क्योंकि यह कब्ज को दूर करता है और डाइजेस्टिव सिस्टम को सुचारू रूप से काम करने में सहायक होता है रैबिट पोज़ शारीरिक लचीलापन और मानसिक शांति में भी वृद्धि करता है।

12. भैरवासन
इस आसन को भैरवासन या फॉर्मेटेबल पोज़ कहा जाता है इसे करने से रक्त संचार में सुधार होता है और शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बेहतर होता है। यह पैर और हाथों की मांसपेशियों की शानदार स्ट्रेचिंग करता है जिससे लचीलापन बढ़ता है इसके अलावा, यह हाथों की कलाइयों को मजबूत बनाता है और पकड़ को बेहतर करता ह जिससे शारीरिक ताकत में वृद्धि होती है।

13. बालासन
इस आसन को चाइल्ड पोज़ कहा जाता है इसे अभ्यास करने से मानसिक तनाव और चिंता में कमी आती है जिससे मन को शांति मिलती है यह कंधों और छाती के दर्द से राहत देने में मदद करता है और शरीर के रक्त संचार को बेहतर बनाता है चाइल्ड पोज़ शरीर और मस्तिष्क को संतुलित करने में सहायक होता ह जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

14. बद्धकोणासन
इस आसन को बाउंड एंजल पोज़ कहा जाता है इसे करने से शरीर की थकान और मानसिक तनाव कम होता है यह हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है और शरीर के रक्त संचार को भी बेहतर बनाता है यह आसन शारीरिक और मानसिक शांति का अनुभव भी कराता है।

15. अग्निस्तंभासन
इस आसन को फायर लॉग पोज़ कहा जाता है इसे अभ्यास करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है साथ ही सांस से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं फेफड़े बेहतर कार्य करने लगते हैं और कंधों तथा हाथों की मांसपेशियों में भी ताकत आती है। यह आसन शारीरिक संतुलन और मानसिक शांति में भी मदद करता है।

16. अर्ध चन्द्रासन
इस आसन को हाफ मून कहा जाता है और यह शरीर को लचीला बनाने में मदद करता है यह आसन विशेष रूप से महिलाओं के लिए अत्यंत लाभकारी होता है क्योंकि इसके अभ्यास से शारीरिक और मानसिक लाभ दोनों प्राप्त होते हैं यह आसन शरीर से वात-पित्त जैसे दोषों को दूर करता है जिससे शरीर में संतुलन बना रहता है और स्वास्थ्य में सुधार होता है।

17. अंजनेयासन
इस आसन को अंग्रेज़ी में Crescent Moon कहा जाता है यह आसन पैरों की मांसपेशियों को मज़बूत करने में मदद करता है और पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है इसके नियमित अभ्यास से मानसिक तनाव और चिंता में भी कमी आती है जिससे मन शांत और संतुलित रहता है साथ ही यह आसन पीठ दर्द को दूर करने में सहायक होता है और शरीर को लचीला बनाता है।

18.पर्वतासन
पर्वतासन, जिसे अंग्रेज़ी में Mountain Pose कहा जाता है एक आधारभूत लेकिन अत्यंत प्रभावशाली योगासन है। यह आसन फेफड़ों को मजबूत बनाता है और श्वसन प्रणाली को बेहतर करता है जिससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह सुचारु रूप से होता है।

19. अधोमुख वृक्षासन
इस योगासन को Downward Facing Tree Pose कहा जाता है। यह आसन छाती को फैलाने और श्वसन तंत्र को मज़बूत बनाने में सहायक होता है इसके नियमित अभ्यास से फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है और शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है।

20. अधोमुख श्वानासन
इस योगासन को Downward Facing Dog Pose कहा जाता है यह एक प्रमुख आसन है जो पूरे शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालता है इसका नियमित अभ्यास पाचन तंत्र को मजबूत करता है और भोजन को बेहतर तरीके से पचाने में मदद करता है

FAQs
प्रश्न – योगासन का अभ्यास करने का सबसे सही समय कौन सा है
उत्तर- योगासन का सबसे उत्तम समय सुबह खाली पेट होता है यदि सुबह न कर सकें तो शाम को भोजन के 3 घंटे बाद भी योग किया जा सकता है इस समय शरीर और मन दोनों शांति में रहते हैं जिससे आसनों का प्रभाव अधिक पड़ता है।
प्रश्न – क्या योगासन से पेट की चर्बी कम हो सकती है
उत्तर: हाँ अष्टांग नमस्कार शशांकासन और अधोमुख श्वानासन जैसे आसन पेट की चर्बी को घटाने में मदद करते हैं इनके नियमित अभ्यास से पाचन तंत्र बेहतर होता है और मेटाबोलिज़्म बढ़ता है जिससे चर्बी कम होती है।
प्रश्न – क्या योगासन मानसिक तनाव और चिंता को कम कर सकते हैं?
उत्तर- बिल्कुल। बालासन उत्तान शिशुनासन और आनंद बालासन जैसे योगासन मानसिक तनाव और चिंता को दूर करने में अत्यंत सहायक होते हैं। ये मन को शांत करते हैं और आत्मिक संतुलन प्रदान करते हैं
प्रश्न – क्या योगासन से हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है?
उत्तर – हाँ अनन्तासन और बद्धकोणासन जैसे योगासनों के अभ्यास से ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखने में मदद मिलती है ये आसन रक्त संचार को बेहतर बनाते हैं और शरीर को रिलैक्स करने में मदद करते हैं।
प्रश्न – क्या सभी लोग ये योगासन कर सकते हैं या किसी सावधानी की जरूरत होती है?
उत्तर – अधिकतर लोग योगासन कर सकते हैं परंतु यदि किसी को कोई विशेष स्वास्थ्य समस्या है जैसे हाई ब्लड प्रेशर रीढ़ की हड्डी से जुड़ी बीमारी या कोई गंभीर चोट तो योग शुरू करने से पहले डॉक्टर या प्रशिक्षित योग शिक्षक की सलाह अवश्य लें साथ ही योग करते समय शरीर पर ज़ोर न डालें और संयमित अभ्यास करें।