seo friendly url kaise banaye
क्या आपकी वेबसाइट अभी तक सर्च रिजल्ट्स में टॉप पर नहीं आ रही है तो इसका एक बड़ा कारण यह हो सकता है कि आपका यूआरएल संरचना गलत हो इसलिए सही SEO फ्रैंडली यूआरएल आपकी वेबसाइट की खोज योग्यता बढ़ने में और अधिक ट्रैफिक लाने में मदद करता है क्योकि आज के डिजिटल योग में गूगल और अन्य इंजन लगातर एल्गोरिदम अपडेट कर रहे है जिसे कॉम्पिटिशन पढ़ गया है। SEO में यूआरएल संरचना का बड़ा योगदान होता है इसलिए सही तरीके से ऑप्टिमाइज़ किया गया यूआरएल सर्च इंजन और यूजर्स दोनों के लिए मददगार साबित होता है SEO फ्रैंडली यूआरएल छोटे साफ़ और कीवर्ड समृद्ध होने चाहिए यह न केवल वेबसाइट की खोज योग्यता को बढ़ाते है बल्कि क्लिक थ्रू रेट CTR को भी सुधारते है उपयोगकर्ता स्पष्ट और भरोसेमंद लिंक पर क्लिक करना अधिक पसंद करते है
Read Also :-Google Se Paise Kaise Kamaye
इसलिए एक बेहतरीन यूआरएल बनाने के लिए गैर आवश्यक शब्दों को हटाए हाइफ़न का सही इस्तेमाल करें और प्रसंगिंक कीवर्ड जोड़े इस पोस्ट में हम SEO फ्रैंडली यूआरएल बनाने और ऑप्टिमाइज़ करने के सर्वोत्तम तरीके पर चर्चा करेगे ताकि आपकी वेबसाइट को उच्च रैंकिंग और अधिक ट्रैफिक मिल सके इसलिए इस पोस्ट को अंत तक अवश्य पढ़े
यूआरएल एसईओ क्या है
दोस्तों जब भी हम किसी वेबसाइट पर जाते है तो हम सबसे पहले उसका यूआरएल देखते है लकिन क्या अपने कभी सोचा है कि एक सही यूआरएल आपकी वेबसाइट की रैंकिंग को ऊपर भी ले जा सकता है और नीचे भी गिरा सकता है तो अगर बात करे कि यूआरएल एसईओ क्या है तो URL SEO का का मतलब है कि वेबसाइट का यूआरएल ऐसा हो जिसे सर्च इंजन और यूजर दोनों आसानी से समझ सके इस लिए जब कोई यूआरएल छोटा साफ और कीवर्ड रिच होता है तो वह सर्च इंजन में भी जल्दी रैंक करता है और इसके अलावा ज़्यादा क्लिक भी मिलते है दूसरी तरफ अगर आपका यूआरएल लम्बा उलझा हुआ और बेकार कैरेक्टर से भरा है तो गूगल भी उसे इगनोर कर सकता है
SEO फ्रैंडली URL कैसा होना चाहिए
- छोटा और सिम्पल रखे
- अवश्य कीवर्ड शामिल करें
- HTTPS अवश्य उपयोग करें
- हाइफन का उपयोग करें
- स्टॉप वर्ड्स हटाए
सीधी बात यह है कि सही यूआरएल न केवल आपकी वेबसाइट को बेहतर रैंक दिलाएगा बल्कि अधिक लोगो तक पहुंचे में भी मदद करेंगा
यूआरएल की फुल फॉर्म क्या होती है
यूआरएल की फुल फॉर्म (यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर ) होती है और इस को हिंदी में सार्वभोमिक संसाधन पता भी कहते है जो इंटरनेट पर किसी भी वेब पेज या ऑनलाइन रिसोर्सेस का पता बताता है जब हम किसी वेबसाइट को ब्राउज़र में खोलते है तो असल में हम उसके यूआरएल का उपयोग कर रहे होते है। एक यूआरएल मुख्य रूपसे तीन भागो मिलकर बना होता है
प्रोटोकॉल
जैसे (https:// या http://) यह बताता है कि डेटा कैसे एक्सेस किया जाएगा
डोमिन नाम
जैसे (google . com )यह वेबसाइट का मुख्य एड्रेस होता है यह यूज़र्स और सर्च इंजन को यह समझने में मदद करता है कि वेबसाइट कोन सी है
पाथ
जैसे (example.com/blog) यह यूआरएल का वह हिस्सा होता है जो किसी विशेष वेबपेज या सेक्शन की और इशारा करता है इससे पता चलता है कि यूज़र्स वेबसाइट के किस पेज पर जा रहा है
यह वेब पेज तक पहुंचने का आसान तरीका प्रदान करता है सही तरीके से ऑप्टिमाइज़ किया गया यूआरएल न केवल वेबसाइट की विसिब्लिटी सुधारता है बल्कि यूज़र एक्सपेरियंस को भी बेहतर बनाता है
अन्य महत्वपूर्ण तत्व
सबडोमेन
यदि वेबसाइट का कोई अलग सेक्शन होता है तो वह सबडोमेन के रूप में दिखता है जैसे blog . example .com
क़्वेरी स्ट्रिंग
यह यूआरएल के अंत में आने वाला हिस्सा होता है जो डेटा को डाइनामिक तरीके से लोड करने में मदद करता है जैसे id =123
फ्रैगमेंट
यह यूआरएल का वह भाग होता है जो किसी पेज के विशेष सेक्शन को इंगित करता है जैसे example .com/page #section1
स्लग
स्लग यूआरएल का वह हिस्सा होता है जो किसी वेबपेज या ब्लॉग पोस्ट के खास टॉपिक को दर्शाता है यह डोमेन के बाद आता है और कंटेंट को स्पष्ट रूप से समझानै में मदद करता है जैसे example.com /seo-tips में seo-tips स्लग है एक seo फ्रैंडली स्लिग न केवल सर्च इंजन में बेहतरीन रैंकिंग दिलाता है बल्कि यूज़र्स को भी आकर्षित करता है
स्लग के लाभ
- सही स्लग वेबसाइट को गूगल में जल्दी रैंक करने में मदद करता है
- क्लियर और आकर्षण स्लग यूज़र्स को अधिक क्लिक करने के लिए प्रेरित करता है
- यूज़र्स को पहले ही समझ आ जाता है कि वे किस टॉपिक पर जा रहे है
SEO फ्रैंडली URL की विशेषताए
- URL को 3 से 5 शब्द तक सिमित रखे ताकि यह समझ नै में आसान हो
- मुख्य कीवर्ड शामिल करें ताकि सर्च इंजन को पता चले कि पेज किस बारे में है
- शब्दों को जोड़ने के लिए हाइफन का यपयोग कैन अंडरस्कोर और स्पेस से बचे
- HTTPS का उपयोग करें यह सुरक्षा और SEO दोनों के लिए फायदेमंद होता है
- फालतू शब्दों से बचे ताकि यूआरएल साफ और प्रभावी दिखे
SEO फ्रेंडली URL बनाने के 15 महत्वपूर्ण टिप्स
- यूआरएल को छोटा रखे ताकि यह पढ़ने और समझने में आसान हो
- यूआरएल में मुख्य कीवर्ड जोड़े ताकि सर्च इंजन को पता चले कि पेज किस बारे में है जैसे example.com /seo-tips
- “and” ” the ” “is” ” in ” जैसे गैर अवश्य शब्दों से बचे ताकि यूआरएल छोटा और प्रभावी हो
- शब्दों को अलग करने करने के लिए हाइफर का उपयोग करें अंडरस्कोर या स्पेस न डाले
- जटिल यूआरएल जैसे example.com/page?id=123 की बजाय साफ सुथरा यूआरएल बनाए जैसे examples.com/best-so-tips.
- seo सुरक्षा के लिए हत्तपः प्रोटोकॉल अपनाए जिससे वेबसाइट को गूगल अधिक भरोसेमंद माने
- यूआरएल हमेशा छोटे अक्षरों का उपयोग करें क्योकि बड़े अक्षर समस्या पैदा कर सकते है
- यदि वेबसाइट में कैटिगरी मौजूद होतो यूआरएल में कैटिगरी शामिल करें जैसे example.com/blog/seo-tips
- बहुत सल्फोल्डर से बचे जैसे example.com/blog/2024/seo/advanced-seo-tips की बजाय example.com/blog/seo-tips रखे
- एक बार जब यूआरएल सेट करदिया जाए तो उसे बार बार न बदले क्योकि इससे SEO पर नेगेटिव असर पड़ सकता है
FAQs
प्रश्न – SEO फ्रैंडली URL क्या होता है ?
उत्तर – SEO फ्रैंडली URL वह होता है जो सर्च इंजन और यूज़र्स दोनों के लिए स्पष्ट छोटा और कीवर्ड रिच हो इससे पेज जल्दी इंडेक्स होता है और बेहतर होती है
प्रश्न – SEO फ्रैंडली URL बनने के लिए किन बातो का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर – यूआरएल को संक्षिप्त स्पष्ट और मुख्य कीवर्ड से भरपूर बनाए हाइफ़न का उपयोग करें स्टॉप वर्ड्स हटाए HTTPS अपनाए और डाइनामिक पैरामीटर से बचे
प्रश्न – एक आदर्श SEO फ्रैंडली यूआरएल की लम्बाई कितनी होनी चाहिए ?
उत्तर – यूआरएल को 50 से 60 कैरेक्टर तक सिमित रखे और 3 से 5 शब्दों का उपयोग करें ताकि ये यूज़र्स और सर्च इंजन के लिए पढ़ने में आसान हो
प्रश्न – यूआरएल में हाइफन (-) का उपयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर – हाइफ़न शब्दों को अलग करने के लिए उपयोग किया जाता है जिससे यूआरएल अधिक पढ़ने योग्य और SEO फ्रैंडली बनता है जैसे example.com/seo-tips
प्रश्न – क्या यूआरएल में स्टॉप वर्ड्स “the” “and” “is” शामिल करने चाहिए ?
उत्तर – नहीं “the” “and” “is” जैसे अनावश्यक शब्दों को हटाने से यूआरएल छोटा और प्रभावी बनता है जिससे seo बेहतर बनता है
प्रश्न – HTTPS SEO के लिए क्यों आवश्यक है ?
उत्तर – HTTPS वेबसाइट को सुरक्षित बनाता है और गूगल इसे एक रैंकिंग फैक्टर मानता है यह यूज़र ट्रस्ट बढ़ाता है और SEO में सुधार करता है