Computer Basic Knowledge in Hindi | जाने कंप्यूटर क्या है और विशेषताए

आज के समय में कंप्यूटर हर इंसान की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। चाहे मोबाइल चलाना हो, ऑनलाइन शॉपिंग करनी हो या ऑफिस का कोई जरूरी काम निपटाना हो, कंप्यूटर के बिना सब अधूरा लगता है। स्कूल से लेकर बड़ी-बड़ी कंपनियों तक, हर जगह इसकी उपयोगिता है।

टेक्नोलॉजी के इस युग में कंप्यूटर ज्ञान न केवल एक स्किल है, बल्कि सफलता की चाबी भी बन चुका है। कंप्यूटर की जानकारी होने से कई तरह की नौकरियों के दरवाज़े खुल जाते हैं। यही वजह है कि अब स्कूलों में भी कंप्यूटर की शिक्षा जरूरी कर दी गई है। कंप्यूटर न केवल काम को तेज बनाता है बल्कि सटीक भी करता है। इसके ज़रिए डेटा को संभालना, सुरक्षित रखना और साझा करना आसान हो जाता है

Read Also :CCC Computer course kya hai

इस आर्टिकल में हम आपको Computer Basic Knowledge in hindi से जुड़ी हर जरूरी बात को सरल भाषा में समझाएगे जैसे कंप्यूटर किसे कहते है और कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं ? सभी जानकारी के लिए इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़े

Computer Basic Knowledge in hindi

कंप्यूटर किसे कहते है

कंप्यूटर एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो इंसान के निर्देशों के अनुसार काम करता है। यह डाटा को प्रोसेस करके उपयोगी जानकारी में बदलता है। कंप्यूटर की खासियत यह है कि यह तेज़ी से गणनाएं कर सकता है और बार-बार एक जैसा कार्य करने पर भी थकता नहीं है इसे इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह लॉजिक के आधार पर सोचने जैसा कार्य करता है। कंप्यूटर में डेटा इनपुट देने के बाद वह उसे प्रोसेस करता है और फिर आउटपुट के रूप में परिणाम देता है। यह केवल वही करता है जो इंसान उसमें निर्देश के रूप में डालता है

कंप्यूटर शब्द Compute से बना है जिसका मतलब होता है “गणना करना”। शुरूआत में इसे सिर्फ गणनाओं के लिए इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब यह लगभग हर फील्ड में काम आता है। शिक्षा, चिकित्सा, बैंकिंग, इंजीनियरिंग और व्यापार हर जगह इसकी उपयोगिता है। कंप्यूटर न सिर्फ काम आसान करता है बल्कि उसे ज्यादा प्रभावी भी बनाता है

कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं ?

कंप्यूटर केवल एक जैसा नहीं होता, बल्कि उसकी संरचना और काम करने के तरीके के अनुसार अलग-अलग प्रकार होते हैं। हर कंप्यूटर का अपना एक उद्देश्य और उपयोग होता है, जैसे कुछ कंप्यूटर बड़े डाटा को प्रोसेस करने में माहिर होते हैं तो कुछ छोटे कार्यों के लिए बनाए जाते हैं। अलग अलग फील्ड में जरूरत के हिसाब से अलग-अलग कंप्यूटर मॉडल काम में लिए जाते हैं इनकी श्रेणी मुख्य रूप से तीन आधारों पर तय की जाती है

जैसे किस काम के लिए उपयोग हो रहा है (Application), किस उद्देश्य से बनाया गया है (Purpose), और उसका आकार या क्षमता कितनी है (Size)। नीचे इन तीनों आधारों पर कंप्यूटर के प्रमुख प्रकारों की जानकारी दी जा रही है, जिससे यह समझना आसान हो जाएगा कि कौन-सा कंप्यूटर किस स्थिति में सबसे उपयुक्त होता है

On the Basis of Application

Analog Computer
इस तरह के कंप्यूटर उन जानकारियों को प्रोसेस करते हैं जो अंकों के रूप में नहीं होतीं। ये तापमान, वोल्टेज, गति या दबाव जैसी भौतिक इकाइयों को मापने के लिए उपयोग किए जाते हैं। वैज्ञानिक प्रयोगों और इंजीनियरिंग कार्यों में ये काफी मददगार साबित होते हैं।

Digital Computer
यह आज के समय में सबसे आम और प्रचलित कंप्यूटर हैं। ये डेटा को 0 और 1 यानी बाइनरी भाषा में स्टोर व प्रोसेस करते हैं। स्कूल, ऑफिस, बैंकिंग, बिज़नेस—हर जगह इन्हें उपयोग में लाया जाता है। इनकी प्रोसेसिंग स्पीड तेज़ और परिणाम बेहद सटीक होते हैं।

Hybrid Computer
इसमें एनालॉग और डिजिटल दोनों की खूबियां एक साथ पाई जाती हैं। जैसे अस्पतालों में प्रयोग होने वाली मशीनें, जो मरीज की धड़कन या ब्लड प्रेशर को एनालॉग रूप में मापती हैं और फिर डिजिटल डेटा में बदलकर स्क्रीन पर दिखाती हैं। ये कंप्यूटर विशेष रूप से वैज्ञानिक और मेडिकल फील्ड में काफी उपयोगी हैं।

On the Basis of Purpose

General Purpose Computer
इन कंप्यूटरों का निर्माण रोज़मर्रा के सामान्य कार्यों को ध्यान में रखकर किया गया है। ये एक समय में कई प्रकार के कार्य जैसे — इंटरनेट ब्राउज़िंग, डॉक्युमेंट बनाना, वीडियो देखना या प्रोग्रामिंग आदि के लिए उपयोग में लाए जाते हैं। घर, स्कूल, ऑफिस में यही कंप्यूटर सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होते हैं।

Special Purpose Computer
ये कंप्यूटर खास तौर पर एक ही कार्य के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं। जैसे — एटीएम मशीन, रेलवे रिज़र्वेशन सिस्टम या मौसम पूर्वानुमान की मशीनें। इनमें बदलाव की गुंजाइश नहीं होती क्योंकि इनका हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर एक निश्चित प्रक्रिया को ही फॉलो करता है।

इस प्रकार उद्देश्य के आधार पर कंप्यूटर का चुनाव उसकी भूमिका और ज़रूरत के अनुसार किया जाता है, जिससे कार्य में दक्षता और सटीकता बनी रहती है।

On the Basis of Size

कंप्यूटर को उनके आकार और क्षमता के आधार पर भी कई वर्गों में बांटा गया है। इस वर्गीकरण से हमें यह जानने में आसानी होती है कि किस साइज का कंप्यूटर किस जगह पर उपयोगी होगा और उसकी प्रोसेसिंग पॉवर कितनी है।

Super Computer
ये दुनिया के सबसे तेज़ और ताकतवर कंप्यूटर होते हैं। इनका इस्तेमाल वैज्ञानिक अनुसंधान, मौसम का पूर्वानुमान, परमाणु परीक्षण, अंतरिक्ष अनुसंधान और बड़े पैमाने के डेटा एनालिसिस के लिए किया जाता है। इनकी प्रोसेसिंग क्षमता लाखों गणनाएं प्रति सेकंड करने की होती है।

Mainframe Computer
यह कंप्यूटर बड़ी कंपनियों, बैंकों और सरकारी संस्थानों में उपयोग होता है जहां एक ही समय में हजारों यूज़र्स काम करते हैं। इसकी स्टोरेज और स्पीड सुपर कंप्यूटर से कम होती है लेकिन बड़े नेटवर्किंग सिस्टम के लिए यह बेहद भरोसेमंद होते हैं।

Mini Computer
मेनफ्रेम से छोटे और माइक्रो से बड़े, ये कंप्यूटर मध्यम आकार के बिज़नेस और संस्थानों में काम आते हैं। ये एक साथ कई यूज़र्स को सपोर्ट कर सकते हैं और इनकी गति व मेमोरी संतुलित होती है।

Micro Computer (Personal Computer)
इन्हें हम आमतौर पर पीसी या लैपटॉप के नाम से जानते हैं। ये घर, स्कूल, ऑफिस जैसे जगहों पर इस्तेमाल होते हैं। इनकी प्रोसेसिंग क्षमता सीमित होती है लेकिन रोज़मर्रा के कामों के लिए ये सबसे उपयुक्त माने जाते हैं।

इस वर्गीकरण से यह स्पष्ट होता है कि कंप्यूटर का आकार उसके उपयोग और संसाधन की ज़रूरतों के अनुसार तय किया जाता है

कंप्यूटर के भाग व उनके कार्य

कंप्यूटर कोई एकल मशीन नहीं, बल्कि कई यूनिट्स से मिलकर बना एक पूरा सिस्टम होता है। हर भाग का अपना एक अलग कार्य होता है और सभी मिलकर कंप्यूटर को एक संगठित रूप में चलाते हैं। यह मुख्यतः दो भागों में बंटा होता है – हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर। आइए जानें इनके प्रमुख हिस्सों के बारे में:

CPU (Central Processing Unit)
इसे कंप्यूटर का “मस्तिष्क” कहा जाता है। यहीं पर सभी प्रकार की प्रोसेसिंग और गणनाएं होती हैं। यह यूज़र के इनपुट को प्रोसेस कर के आउटपुट में बदलता है।

Monitor
यह आउटपुट डिवाइस है जो कंप्यूटर में होने वाले कार्यों को स्क्रीन पर विजुअली दिखाता है। यूज़र जो भी कार्य करता है, उसका परिणाम यहीं नजर आता है।

Keyboard
कंप्यूटर में टेक्स्ट या कमांड इनपुट करने के लिए कीबोर्ड का इस्तेमाल किया जाता है। यह टाइपिंग के लिए सबसे जरूरी हार्डवेयर डिवाइस है।

Mouse
यह एक पॉइंटिंग डिवाइस है, जिससे स्क्रीन पर आइकन या विकल्पों को क्लिक करके चयन किया जाता है। इसे यूज़र का नेविगेशन टूल भी कहा जा सकता है।

UPS (Uninterruptible Power Supply)
जब बिजली जाती है, तब भी कंप्यूटर कुछ देर तक काम करता रहे इसके लिए यूपीएस जरूरी होता है। यह सिस्टम को अचानक बंद होने से बचाता है।

इन भागों के बिना कंप्यूटर अधूरा है, और इनकी कार्यप्रणाली मिलकर कंप्यूटर को प्रभावशाली बनाती है।

सॉफ्टवेयर (Software)

सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software)
सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के संचालन का आधार होता है। इसे ऑपरेटिंग सिस्टम भी कहा जाता है, जो हार्डवेयर और यूजर के बीच पुल का काम करता है। बिना सिस्टम सॉफ्टवेयर के कंप्यूटर अपने हार्डवेयर को सही ढंग से नियंत्रित नहीं कर पाता। दुनिया में कई तरह के सिस्टम सॉफ्टवेयर हैं जिनमें माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़, एप्पल मैक ओएस और लिनक्स सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। ये ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर को स्टेबल और उपयोग में आसान बनाते हैं।

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software)
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर किसी खास काम को करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। ये यूजर की जरूरतों के मुताबिक अलग-अलग टास्क पूरा करते हैं। उदाहरण के तौर पर, फोटोशॉप फोटो एडिटिंग के लिए, माइक्रोसॉफ्ट वर्ड डॉक्यूमेंट बनाने के लिए और गूगल क्रोम वेब ब्राउज़िंग के लिए इस्तेमाल होते हैं। ये सॉफ्टवेयर कंप्यूटर को बहुआयामी बनाते हैं और हमारे रोज़मर्रा के कामों को आसान बनाते हैं।

कंप्यूटर की विशेषताएं

  • कंप्यूटर दिए गए आदेशों को बार-बार बिना थके और एक समान गति से निष्पादित कर सकता है, जिससे काम की दक्षता बनी रहती है।
  • यह विशाल मात्रा में डेटा को अपने बाहरी (External) और आंतरिक (Internal) संग्रहण माध्यमों में सुरक्षित रूप से स्टोर कर सकता है।
  • कंप्यूटर जल्दी और सही निर्णय लेने में सक्षम होता है, खासकर जब इसे स्पष्ट निर्देश दिए जाते हैं।
  • भंडारित सूचनाओं में से आवश्यक डेटा को कुछ ही पलों में खोज निकालना कंप्यूटर के लिए आसान होता है।
  • लगातार एक ही कार्य करने पर भी कंप्यूटर की कार्यक्षमता और परिणामों की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं आती।
  • कंप्यूटर पर पासवर्ड सेट करके उसे सुरक्षित बनाया जा सकता है, जिससे डेटा की गोपनीयता बनी रहती है।
  • मानव की तरह थकान या चूक की संभावना नहीं होने के कारण, कंप्यूटर लगातार समान स्तर की परफॉर्मेंस देता है।
  • इसकी मेमोरी में डेटा और निर्देशों को स्थायी रूप से संग्रहित किया जा सकता है, जिससे जानकारी सुरक्षित रहती है।
  • कंप्यूटर की गणनाएं लगभग पूरी तरह त्रुटिहीन होती हैं, लेकिन यदि गलती होती है तो वह अक्सर प्रोग्रामिंग या डेटा में मानवीय त्रुटि के कारण होती है।

FAQ ‘s

प्रश्न – CPU का पूरा नाम क्या है और यह क्या करता है?
उत्तर – CPU का मतलब है Central Processing Unit। यह कंप्यूटर का दिमाग होता है जो सभी निर्देशों को प्रोसेस करता है।

प्रश्न – कंप्यूटर की RAM क्या होती है?
उत्तर – RAM (Random Access Memory) वह मेमोरी है जिसमें कंप्यूटर अस्थायी रूप से डेटा स्टोर करता है ताकि वह तेज़ी से काम कर सके।

प्रश्न – हार्ड डिस्क और SSD में क्या अंतर है?
उत्तर – हार्ड डिस्क एक मैकेनिकल स्टोरेज डिवाइस है जबकि SSD (Solid State Drive) फास्ट और ज्यादा टिकाऊ इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज है।

प्रश्न – कंप्यूटर में वायरस क्या होता है?
उत्तर – वायरस एक प्रकार का मैलवेयर होता है जो कंप्यूटर के सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है या डेटा चुरा सकता है।

प्रश्न – ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण क्या हैं?
उत्तर – जैसे Windows, macOS, Linux ये सभी ऑपरेटिंग सिस्टम के उदाहरण हैं।

प्रश्न – कंप्यूटर में इनपुट डिवाइस क्या होते हैं?
उत्तर – इनपुट डिवाइस जैसे कीबोर्ड, माउस, स्कैनर जो कंप्यूटर को डेटा देते हैं।

प्रश्न – आउटपुट डिवाइस क्या होते हैं?
उत्तर – आउटपुट डिवाइस वे होते हैं जो कंप्यूटर से प्राप्त जानकारी हमें दिखाते हैं, जैसे मॉनिटर, प्रिंटर।

Leave a Comment