अगर आप सरकारी मेडिकल क्षेत्र में करियर बनाना चाहते है और समाज की सेवा करना आपका सपना है तो CHO बनना आपकी लिए बेहतरीन विक्लप हो सकता है इस पोस्ट में हम आपको बातएंगे कि को कैसे बने
CHO कोन होता है योग्यता , चयन प्रक्रिया , सेलरी और अन्य अवश्य जानकारी इसलिए इस पोस्ट को अंत तक अवश्य पढ़े
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CHO कोन होता है
CHO एक सरकरी स्वास्थ्य अधिकारी होते है जिनका चयन नर्सिंग या GNM डिग्री प्राप्त करने के बाद किया जाता है इन्हे आयुष्मान भारत योजना के तहत हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर्स में नियुक्त किया जाता है जहां वह स्वास्थ्य सेवाए गावो और वंचित क्षेत्रो तक पहुंचाने का कार्य करते है ये बीमारीयो की रोकथाम , स्वास्थ्य जाँच उपचार और जागरूकता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते है साथ ही गंभीर बीमारियों के प्रबंधन और रैफरल सेवाओं में भी सहयोग करते है इनका मुख्य उद्देश्य हर व्यक्ति को समय पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाए प्रदान करना है
CHO की फुल फॉर्म Community Health Officer होती है
CHO के मुख्य कार्य
- ग्रामीण और वंचित क्षेत्रो में चिकित्सा सुविधाए पहुंचना
- संक्रमण और गंभीर रोगो के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाना
- लोगो की सेहत की निगरानी और आवश्यक उपचार प्रदान करना
- सामान्य बीमारीयो और चोटों के लिए तत्काल चिकित्सा सहायता देना
- पोषण व्यायाम और स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देना
- मधुमेह , उच्च रक्तचाप और कैंसर जैसी बीमारीयो में देखभाल करना
- आवश्यकता पड़ने पर मरीज़ो को उन्नत चिकित्सा केन्द्रो में रैफर करना
CHO के लिए अवश्य योग्यताए
CHO बनने के लिए कुछ शैक्षणिक योग्यताए और कौशल आवश्यक है यह पद विशेष रूप से उन उम्मीदवारो के लिए है जो स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते है और ग्रामीण तथा शहरी वंचित क्षेत्रो में चिकित्सा सेवाए प्रदान करना चाहते है इसकी कुक योग्यताए इस प्रकार है जैसे
1. शैक्षणिक योग्यता
CHO के उम्मीदवारो के पास B.Sc नर्सिंग या GNM की डिग्री होनी चाहिए कुछ राज्यों में पोस्ट बेसिक
B .Sc नर्सिंग की डिग्री भी मान्य होती है
2. पंजीकरण
CHO के उम्मीदवारो का राज्य नर्सिंग कॉउंसिल में RN या RM के रूप में पंजीकरण होना अनिवार्य है
3. आयु सीमा
CHO पद के लिए 21 से 40 वर्ष की आयु सीमा निर्धारित होती है राज्य सरकार के अनुसार इस आयु में बदलाव हो सकता है
4. कौशल
- CHO ऑफिसर में मरीज़ो और समुदाय के लोगो से प्रभावी तरीके से बातचीत करने की क्षमता होनी चाहिए
- CHO के पास आपातकालीन स्थितियों में सही और त्वरित निर्णय लेने की योग्यता होनी चाहिए
- स्वास्थय कार्यकर्ताओ और नर्सिंग स्टाफ के साथ CHO को मिलकर मार्गदर्शन करना आना चाहिए
- एक CHO ऑफिसर को प्राथमिक उपचार , टीकाकरण , मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य और संक्रात्मक रोगो के प्रबंधन का ज्ञान होना चाहिए
- CHO को सभी स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओ को हल करना आना चाहिए
5. कम्युनिटी मैनेजमेंट में आवश्यक कौशल
- समुदाय के लोगो के बीच भरोसा और सकारात्मक संबंध बनाना
- स्वास्थ्य जागरूकता कार्य क्रम आयोजित करके लोगो को शिक्षित करना
- ज़रूरतमंद लोगो तक सरकारी योजनाओ और सेवाओं की जानकारी पहुंचना स्थानीय समस्याओ समझ कर उनका प्रभावी समाधान निकलना
- विभिन्न संगठनों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ के साथ समन्वय स्थपित करना
6. CHO की चयन प्रक्रिया
- CHO के उम्मीदवारो को राज्य सरकार या संबंधित स्वास्थ्य विभाग की आधारिक वेबसाइट पर आवदेन करना होता है
- कई राज्यों में CHO में भर्ती के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन परीक्षा आयोजित की जाती है जिसमे स्वास्थ्य सेवाओं और नर्सिंग से जुड़े प्रश्न होते हैलिखित परीक्षा के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है
- मेरिट लिस्ट में चयनित CHO के उम्मीदवारो के शैक्षणिक प्रमाणपत्र , नर्सिंग रजिस्ट्रेशन और अन्य दस्तावेज़ की जाँच की जाती है
- CHO में चयनित उम्मीदवारो को 6 महीने का कम्युनिटी हेल्थ सेर्टिफिकेट कोर्स CCH कराया जाता है जिसके बाद वे CHO के रूप में कार्य भार संभालते है
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CHO kaise bane
CHO कैसे बने -:दोस्तों अगर आप CHO बनना चाहते है तो इसके लिए आपको 10 वीं कक्षा के फ़ौरन बाद ही तैयारी कर देनी चाहिए 11 वीं और 12 वीं कक्षा में फिजिक्स , केमिस्ट्री और बायोलॉजी विषयो का चयन करना अवश्य है क्योकि CHO बनने के लिए नर्सिंग से संबंधित डिग्री अनिवार्य होती है
12 वीं पास करें
CHO बनने के लिए सबसे पहले CHO उम्मीदवारो को 12 कक्षा विज्ञानं से पास करनी होती है यह अनिवार्य इसलिए है क्योकि चिकित्सा और नर्सिंग से जुड़े कोर्सो में प्रवेश के लिए साइंस का ज्ञान होना अवश्य है 12 वीं में अच्छे अंक प्राप्त करना आगे के कोर्स जैसे BSC नर्सिंग या GNM में प्रवेश के लिए सहायक होता है CHO उम्मीदवारो को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से परीक्षा उत्तीर्ण करनी चाहिए 12 वी पूरी करने के बाद अगला चरण नर्सिंग कोर्स में दाखिला लेना होता है जो CHO बनने के लिए आवश्यक है
नर्सिंग में अड्मिशन ले और कोर्स पूरा करें
CHO बनने के लिए 12 वीं के बाद उम्मीदवारो को नर्सिंग से संबंधित कोर्स में अड्मिशन लेना अवश्य होता है यह कोर्स 2 से 4 वर्ष का होता है स्वास्थ्य सेवाओं , मरीज़ो की देखभाल प्राथमिक चिकित्सा से जुड़ी ट्रेनिंग दी जाती है CHO उम्मीदवारो को किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से नर्सिंग कोर्स करना चाहिए क्योकि यही आगे CHO भर्ती के लिए पात्रता निर्धारित करता है कोर्स पूरा करने के बाद अगला चरण राज्य नर्सिंग कॉउंसलिंग में पंजीकरण करना होता है
राज्य नर्सिंग कॉउंसलिंग में पंजीकरण करें
नर्सिंग कोर्स पुरा करने के बाद CHO उम्मीदवारो को राज्य नर्सिंग कॉउंसलिंग में पंजीकरण करना अवश्य होता है यह पंजीकरण उम्मीदवारो को RN या RM का दर्जा प्रदान करता है जिससे वह सरकारी और निजी चिकित्सा क्षेत्रो में कार्य करने के योग्य बनता है बना पंजीकरण के उम्मीदवार किसी भी स्वास्थ्य से जुड़े पद के लिए पात्र नहीं होता यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद उम्मीदवार CHO भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने के योग्य बन जाता है
CHO बनने का सिलेबस
CHO भर्ती परीक्षा में नर्सिंग , सामुदायिक स्वास्थ्य ,प्राथमिक चिकित्सा और रोगो की रोकथाम से जुड़े प्रश्न पूछे
जाते है इसके अलावा भारतीय स्वास्थ्य नीतियां , सरकारी योजनाए जनरल नॉलिज और करेंट अफेयर्स भी परीक्षा का हिस्सा होते है लॉजिक रीज़निंग गणितय क्षमता और डेटा इंटरप्रीटेशन पर हे ध्यान दिया जाता है CHO उम्मीदवारो को अंग्रेज़ी भाषा और संचार कौशल की समझ होनी अवश्य है क्योकि मेडिकल रिपोर्टिंग और डॉक्यूमेंटेशन इसमें अहम भूमिका निभाते है परीक्षा में सफलता के लिए गहरी विषय वस्तु की समझ और नियमित मॉक टेस्ट प्रैक्टिस अवश्य है
CHO का काम क्या होता है
- हेल्थ और वैलनेस सेंटर में मरीज़ो की जाँच करना
- बीमारियों की रोकथाम ,टीकाकरण और जागरूकता अभियान
- गर्भवती महिलाओ और नवजात शिशुओं की देखभाल
- पोषण ,स्वछता और मानसिक स्वास्थ्य परर जागरूकता
- सरकारी स्वास्थ्य योजनाओ को लागू करना और लाभ पहुँचाना
जनरल नॉलेज
खेल , संस्कृति और परंपरा
समाज , विरासत और इतिहास
तीर्थ स्थल आस्था और धार्मिक स्थल
राजनीति , साहित्य और विधायिका
राज्य के प्रमुख कार्यकर्म , भूगोल और अर्थव्यवस्था
प्रसिद्ध नदिया , जल स्रोत और बांध
क्या सीएचओ की नौकरी परमानेंट है
CHO की नौकरी शुरुआत में संविदा आधारित होती है लकिन कुछ राज्यों में अनुभव और प्रदर्शन के आधार पर स्थायी होने का अवसर मिलता है शुरुआती वेतन फिक्स्ड सेलरी के रूप में दिया जाता है और बाद में सरकारी नियमो के तहत समायोजन हो सकता है यह प्रक्रिया राज्य सरकार की नीतियों और रिक्तियों पर निर्भर करती है
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CHO की सैलरी
CHO की शरुआती सेलरी 25000 से 400000 प्रतिमाह तक होती है जो राज्य सरकार की नीतियों और अनुभव के आधारके अनुसार बदलती है इसके साथ ही परफॉर्मन्स बेस्ड इंसेंटिव भी दिया जाता है जिससे सेलरी बढ़ सकती है
इसके अलावा स्वास्थ्य बीमा , पीएफ , भत्ते और अन्य सरकारी सुविधाए मिलती है कुछ राज्यों में स्थायी पद मिलने पर वेतनमान सरकारी कर्मचारियो के समान हो सकता है
निष्कर्ष
इस पोस्ट में होने आपको CHO से जुड़ी पूरी जानकारी दी है जिसमे इसके कार्य , योग्यता , चयन प्रक्रिया ,सेलरी और भविष्य की संभावना शामिल है जैसा कि आपने जाना यह पद न केवल एक नौकरी है बल्कि समाज की सेवा करने का भी एक बेहतरीन अवसर है अगर आप स्वास्थ्य सेवा में करियर बनाना चाहते है तो CHO एक आकर्षण और सम्मानजनक विकल्प हो सकता है उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए उपयोगी रही होगी