Anganwadi Karyakarta Kaise Bane | योग्यता, सैलरी तथा कार्य 

आंगनबाड़ी एक ऐसा सरकारी प्रयास है जो बच्चों की देखभाल, पोषण और महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के मकसद से शुरू किया गया था। इसकी शुरुआत 1985 में एकीकृत बाल विकास सेवा ICDS योजना के अंतर्गत हुई थी, और तब से यह ग्रामीण भारत की जड़ों में गहराई से बस चुका है। इन केंद्रों में खासतौर पर 1 से 6 साल तक के बच्चों की शिक्षा, पोषण और टीकाकरण जैसी ज़िम्मेदारियां निभाई जाती हैं। इसके साथ ही गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं की सेहत और पोषण पर भी खास ध्यान दिया जाता है

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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ना सिर्फ बच्चों को पढ़ाती हैं, बल्कि उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाने की दिशा में भी काम करती हैं। हर राज्य में इन केंद्रों के लिए तय दिशा-निर्देश और नियम होते हैं, जिनके आधार पर महिलाएं इस सेवा से जुड़ती हैं। अगर कोई महिला समाज सेवा के साथ-साथ एक स्थिर आय का जरिया भी चाहती है, तो यह क्षेत्र एक सुनहरा अवसर बन सकता है

आगे इस आर्टिकल में हम आपको बताएगे कि anganwadi karyakarta kaise bane, इसमें क्या योग्यता चाहिए, भर्ती के नियम क्या हैं और वेतन कितना मिलता है — हर पहलू को सरल भाषा में समझाया गया है

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अगर किसी महिला को बच्चों की देखभाल, शिक्षा और पोषण जैसे क्षेत्रों में काम करने की इच्छा हो, तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बनना एक बढ़िया विकल्प हो सकता है। इसके लिए सबसे पहला कदम होता है अपने राज्य की महिला एवं बाल विकास विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना। आवेदन की प्रक्रिया आमतौर पर ऑनलाइन होती है और इसमें दस्तावेज़ अपलोड करने होते हैं। खास बात यह है कि ज़्यादातर राज्यों में न तो कोई परीक्षा होती है और न ही इंटरव्यू, बल्कि चयन पूरी तरह मेरिट पर आधारित होता है

योग्यता के आधार पर जब चयन होता है तो उम्मीदवार को जरूरी ट्रेनिंग दी जाती है जिसमें बच्चों के पोषण, टीकाकरण और शिक्षा से जुड़ी बातें सिखाई जाती हैं। एक बार ट्रेनिंग पूरी हो जाए, तो कार्यकर्ता को अपने क्षेत्र के बच्चों और महिलाओं के साथ काम करने की ज़िम्मेदारी मिलती है। इस भूमिका में सरकारी योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने का अहम कार्य किया जाता है, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद मिलती है।

शैक्षिक योग्यता

  • आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बनने के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 5वीं कक्षा पास होनी चाहिए।
  • कुछ राज्यों में उम्मीदवार का 8वीं या 10वीं पास होना अनिवार्य होता है।
  • राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार योग्यता अलग-अलग हो सकती है, इसलिए स्थानीय नोटिफिकेशन पढ़ना जरूरी है।
  • अभ्यर्थी को मान्यता प्राप्त बोर्ड या स्कूल से शिक्षा प्राप्त की होनी चाहिए।
  • उच्च योग्यता (12वीं या ग्रेजुएशन) होने पर मेरिट में वरीयता मिल सकती है।
  • जो पद सहायिका (Helper) का होता है, उसमें अक्सर 5वीं पास भी आवेदन कर सकती हैं।
  • कुछ राज्यों में केवल स्थानीय क्षेत्र की महिला को ही आवेदन का अवसर दिया जाता है।
  • आवेदन के समय मार्कशीट और अन्य प्रमाण पत्रों की कॉपी जमा करनी होती है।
  • फॉर्म भरने से पहले संबंधित राज्य की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी शैक्षिक शर्तें पढ़ लेना जरूरी है।
  • सभी डाक्यूमेंट्स सत्यापित और सही जानकारी के साथ होना अनिवार्य होता है, वरना आवेदन निरस्त हो सकता है।

आयु सीमा

  • आवेदन करने वाली महिला की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।
  • अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष निर्धारित की गई है, जो राज्य अनुसार बदल सकती है।
  • कुछ राज्यों में अधिकतम सीमा को बढ़ाकर 40 या 45 वर्ष तक रखा गया है।

आंगनबाड़ी भर्ती नियम

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी कार्यकर्ता और सहायिका की भर्ती पूरी तरह मेरिट और पारदर्शिता के आधार पर की जाती है।

  • आवेदन करने वाली महिला को उसी ग्राम पंचायत या वार्ड की निवासी होना चाहिए, जहां पद खाली है — इसका प्रमाण निवास पत्र से देना होता है।
  • यदि कोई सहायिका कार्यकर्ता बनना चाहती है, तो उसके पास 10वीं की योग्यता, कम से कम 5 साल का अनुभव और 50 वर्ष से कम आयु होना अनिवार्य है।
  • प्रमोशन या चयन प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों का पूरा पालन किया जाता है, जैसे SC/ST/OBC वर्ग को तय लाभ मिलते हैं।
  • चयन में गरीबी रेखा से नीचे (BPL) वर्ग की महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है — इसके लिए आय प्रमाण पत्र अनिवार्य होता है।
  • अगर उस गांव में कोई सहायिका नहीं है, तो उस ग्राम सभा की विधवा महिला को प्राथमिकता दी जाती है।
  • यदि विधवा नहीं मिलती, तो तलाकशुदा और BPL वर्ग की महिला को अवसर दिया जाता है।
  • आवेदिका के निवास व आय प्रमाण पत्र केवल उपजिलाधिकारी या तहसीलदार द्वारा जारी होने चाहिए — अन्य प्रमाण मान्य नहीं होंगे।
  • अगर गांव में कोई BPL उम्मीदवार नहीं है, तो गरीबी रेखा से ऊपर (APL) वर्ग की महिला के नाम पर विचार किया जा सकता है।
  • चयन के समय सभी दस्तावेजों की सही जांच और सत्यापन किया जाता है ताकि नियमों के अनुसार निष्पक्ष चयन सुनिश्चित हो सके।
  • अगर आप चाहें तो अगली हेडिंग जैसे “आंगनबाड़ी मेरिट लिस्ट” या “आयु सीमा” को भी इसी टच में बना दूं जनाब। बस इशारा करें।

आंगनवाड़ी की नई सैलरी (घोषित) 2025

पद का नामपहले का मानदेय (₹)नया मानदेय (2025) (₹)
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता7,00011,000
मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता4,5008,000
आंगनबाड़ी सहायिका3,5005,500
प्रोत्साहन राशि (प्रति माह)500–1,0001,000–1,500

FAQs

प्रश्न: क्या पुरुष भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बन सकते हैं?
उत्तर: नहीं, यह पद केवल महिलाओं के लिए आरक्षित होता है, क्योंकि इसका उद्देश्य महिला और बाल विकास से जुड़ी सेवाएं देना है।

प्रश्न: आंगनबाड़ी में कितने पद होते हैं?
उत्तर: इसमें तीन प्रमुख पद होते हैं – आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सहायिका।

प्रश्न: क्या इसमें कोई परीक्षा होती है?
उत्तर: नहीं, ज़्यादातर भर्ती मेरिट और शैक्षिक योग्यता के आधार पर होती है। कुछ राज्यों में सीधे चयन होता है।

प्रश्न: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सैलरी कितनी होती है?
उत्तर: साल 2025 में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नई सैलरी ₹11,000 तक हो गई है, जबकि सहायिकाओं को ₹7,500 तक मिलते हैं।

प्रश्न: क्या आंगनबाड़ी में स्थाई नौकरी मिलती है?
उत्तर: यह मानदेय आधारित सेवा है, जो स्थाई नहीं होती लेकिन कई वर्षों तक लगातार चल सकती है।

प्रश्न: आवेदन कैसे करें?
उत्तर: राज्य की महिला एवं बाल विकास विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरकर आवेदन किया जा सकता है।

प्रश्न: क्या एक ही परिवार की दो महिलाएं आवेदन कर सकती हैं?
उत्तर: हाँ, कर सकती हैं, बशर्ते दोनों सभी शर्तें पूरी करती हों और अलग-अलग पदों के लिए आवेदन करें।

प्रश्न: क्या ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए नियम अलग हैं?
उत्तर: हाँ, ग्रामीण क्षेत्र के लिए ग्रामसभा और शहरी क्षेत्र के लिए वार्ड स्तर पर चयन होता है।

प्रश्न: क्या ट्रेनिंग जरूरी होती है?
उत्तर: हाँ, चयन के बाद सभी कार्यकर्ताओं को जरूरी ट्रेनिंग दी जाती है जिसमें पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य की जानकारी शामिल होती है।

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